हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) शहर में भिक्षुक मुक्त अभियान (beggar free campaign) की धज्जियां उड़ रही है. दरअसल, कलेक्टर आशीष सिंह ने 15 दिनों में बाल भिक्षुक मुक्त के निर्देश दिए थे. जो कि अब फेल होता नजर रहा है.

कलेक्टर ने पिछले दिनों शहर को भिक्षुक मुक्त बनाए जाने के लिए अभियान की शुरुआत की थी. इसके लिए 15 टीम गठित की गई थी, जाे कि 40 चौराहों पर भिक्षुक मुक्त बनाए जाने के लिए धरपकड़ करेंगे. लेकिन कलेक्टर के आदेश के बाद भी न ही सड़कों पर कोई टीम नजर आ रही है और न ही भिक्षुओं की संख्या में कोई कमी नजर आ रही है. इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट भिक्षुक मुक्त अभियान में इंदौर का नाम था. लेकिन इसके बाद भी शहर के हर चौराहे पर बड़ी संख्या में भिक्षुक नजर आते हैं.

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कुछ भिक्षुक अपने हाथों में पेन या फिर कोई अन्य वस्तुओं को बेचकर लोगों से पैसे मांगते हैं. कुछ लोग रेड सिग्नल पर खड़ी गाड़ियों के कांच साफ करने के नाम पर पैसे मांगते नजर आते हैं. वहीं, कुछ युवा शनिवार और मंगलवार को हाथ में शनि महाराज की तस्वीर लेकर भिक्षा मांगते नजर आए. ऐसे में कलेक्टर ने भिक्षुक मुक्त अभियान चलाया था, जिसमें 15 टीमों का गठन किया गया था. यह टीमों को मौके पर पहुंचकर भिक्षुओं की धर पकड़ करना थी. लेकिन भिक्षुक आज भी बड़ी संख्या में चौराहों पर नजर आ रहे हैं.

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ऐसे में कलेक्टर के दिए गए आदेश की धज्जियां उड़ती हुई नजर आ रही है. रेड सिग्नल पर रुकने वाले वाहन चालक लंबे समय से भिक्षुओं से परेशान हैं. आए दिन भिक्षुक जबरदस्ती लोगों से भिक्षावृक्ति करते हैं. वाहनों के सामने खड़े हो जाते हैं. जबरदस्ती गाड़ियों के कांच धोने लगते हैं. कांच पर पानी डाल देते हैं, जिससे इंदौर की जनता कॉफी परेशान नजर आ रही है.

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