हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से बड़ी खबर सामने आई है। जिला कोर्ट ने भाजपा पार्षद का निर्वाचन शून्य कर दिया है। दरअसल, चुनाव के दौरान भाजपा पार्षद ने एफिडेविट में गलत जानकारी दी थी। जिसको लेकर कोर्ट ने पार्षद का निर्वाचन शून्य कर कांग्रेस प्रत्याशी को विजय घोषित किया है।

इंदौर नगर निगम के 2021 में चुनाव हुए थे, जिसमें वार्ड नंबर-44 से भाजपा प्रत्याशी निशा रूपेश देवरिया ने जीत हुई थी। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी नंदिनी मिश्रा को हर का सामना करना पड़ा था। नंदिनी मिश्रा ने जिला कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें निशा देवरिया के द्वारा एफिडेविट में गलत जानकारी देना बताया था। डेढ़ साल में 51 सुनवाई के बाद इंदौर जिला कोर्ट शनिवार देर शाम फैसला सुनाते हुए निशा रूपेश देवरिया का निर्वाचन शून्य कर दिया है।

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निशा रूपेश देवरिया ने छोटी खजरानी स्थित एक मकान को पिछले 25 साल पुराना बताकर उसका नगर निगम टैक्स जमा नहीं किया था। जिसको लेकर जिला कोर्ट ने वार्ड-44 का नगर निगम का निर्वाचन शून्य कर दिया। नियम अनुसार प्रत्याशी का किसी भी प्रकार का टैक्स बकाया होने पर वह प्रत्याशी चुनाव लड़ने योग्य नहीं रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और नंदिनी मिश्रा को विजय घोषित किया। कोर्ट के आदेश आने के बाद अब निशा रूपेश देवरिया हाईकोर्ट में इस आदेश को चुनौती देने के की बात कह रही हैं।

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