हेमंत शर्मा, इंदौर। रामनवमी के दिन इंदौर के बेलेश्वर धाम मंदिर में बावड़ी की छत धंसने से 36 लोगों की मौत हो गई। 18 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। पूरे घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया और घटना को दुखद बताया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भीव इंदौर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया और दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सीएम शिवराज के निर्देश के बाद मंदिर के अध्यक्ष सेवाराम गलानी, सचिव मुरली सबननी पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और पूरे मामले की इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा टी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। इधर, इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी वार्ड क्रमांक 18 के BO और BI यानी कि क्षेत्रीय भवन अधिकारी को निलंबित कर जांच के निर्देश दिए हैं।

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जिला प्रशासन और नगर निगम की बड़ी लापरवाही आई सामने

दरअसल, इंदौर के पटेल नगर स्थित बेलेश्वर धाम में हुई दर्दनाक घटना में बड़ी लापरवाही इंदौर जिला प्रशासन और नगर निगम की सामने आई है। घटना के बाद रहवासियों का जमकर गुस्सा फूटा। 30 साल पहले बंद की गई बावड़ी पर अवैध अतिक्रमण की शिकायत लगातार रहवासियों ने की थी। नगर निगम ने एक बार बावड़ी की कमेटी को हटाने का आदेश तो जारी किया लेकिन मौके पर पहुंचकर कार्रवाई नहीं की। कई लोग आरोप लगा रहे हैं कि कुछ नेताओं के कहने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते आज कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं और 36 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। समय रहते नगर निगम बावड़ी से अतिक्रमण हटाकर सही कार्रवाई करता तो शायद ही इनती बड़ी घटना होती।

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इंदौर के बेणेश्वर धाम में हुई घटना के 20 घंटे बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पीड़ितों से मिलने एप्पल हॉस्पिटल पहुंचे और घायलों से मुलाकात की। इसके बाद घटनास्थल का दौरा करने पटेल नगर स्थित मंदिर भी पहुंचे थे और रेस्क्यू कर रही सेना की टीम के मुख्य अधिकारी से सीएम ने चर्चा की। इसके साथ ही जिला प्रशासन को पूरे मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि प्रदेश में जितनी भी बावड़िया हैं उनको चिन्हित करने का काम किया जाएगा, ताकि आगे भविष्य में ऐसी घटना ना हो।

प्रत्यक्षदर्शी ने बताया दिल दहला देने वाला पूरा घटनाक्रम

लक्ष्मण दलवानी पूजा करने के लिए मंदिर पहुंचे थे। मंदिर के अंदर हवन चल रहा था। लक्ष्मण दलानी ने बताया कि जैसे ही हवन की आखिरी आहुति पूरी हुई और माता रानी का जयकारा लगाया गया, इसके बाद जय श्री राम बोलते ही धरती फटी और सभी लोग बावड़ी में समा गए। नीचे दर्दनाक मंजर था। चीख-पुकार की आवाज आ रही थी। कुछ समझ नहीं आ रहा था, क्या हुआ है? नीचे कैसे आ गए। इसके बाद जब किसी ने ऊपर से रस्सी फेंकी तो रस्सी के सहारे चढ़कर धीरे-धीरे ऊपर आए। वहीं मंदिर समिति के सचिव मुरली सबनानी ने बताया कि उन्हें एफआईआर की अभी कोई जानकारी नहीं है। सब कुछ भोलेनाथ पर छोड़ कर रखा है।

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रहवासियों ने कहा जब-जब बजेगा मंदिर की घंटी तब तक उठेगा हमारा दर्द

मंदिर के ठीक सामने हर घर से किसी ना किसी ने अपने परिजन को खोया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पहुंचने के बाद परिजनों ने इस मंदिर को हटाने की मांग की। इसके साथ ही कहा- जब जब इस मंदिर की घंटी बजेगी, तब तक मंदिर के सामने के हर घर से अपने परिजनों को खोने वाले का दर्द जाग उठेगा, इसलिए इस मंदिर को अब हटाना चाहिए।

तत्कालीन नगर निगम सभापति शंकर लालवानी पर लगे अवैध निर्माण के आरोप

जिस बावड़ी की छत गिरने के कारण पूरा हादसा हुआ है दरअसल, उसका असली जिम्मेदार तत्कालीन सभापति और वर्तमान सांसद शंकर लालवानी हैं। स्थानीय के मुताबिक जब इंदौर सांसद शंकर लालवानी नगर निगम के सभापति थे, तब उन्होंने इस मंदिर की बावड़ी पर सीमेंट की स्लिप डलवाई थी और उस समय भी रहवासियों ने इसका विरोध किया था, लेकिन पावर में रहते हुए लालवानी ने स्लैप डलवाकर उस पर अवैध अतिक्रमण करवा दिया था। इसके बाद लगातार रहवासी इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम से गुहार लगाते रहे, लेकिन नगर निगम और जिला प्रशासन की आंखें खुली तो जब तक देर हो चुकी थी और 36 लोग उस मौत की बावड़ी में समा चुके थे।

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