हेमंत शर्मा, इंदौर। शहर के लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में सुबह किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम कर दिया। किसानों का आरोप है कि मंडी में व्यापारी उनके गेहूं की बोली कम लगा रहे हैं जबकि सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 2125 है। 31 मार्च तक मंडी में समर्थन मूल्य की खरीदी पर रोक लगी हुई है, जिसके कारण किसानों को मजबूरी में गेहूं व्यापारी को बेचना पड़ रहा है। किसान अगर आज अपना गेहूं बेचकर पैसा सोसाइटी में जमा नहीं करते है तो उसे सोसाइटी में 1 साल का ब्याज भरना पड़ेगा, जिसके चलते किसान अपना माल व्यापारी को बेचने पर मजबूर है। व्यापारियों ने लक्ष्मीबाई अनाज मंडी पर जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।

इंदौर की लक्ष्मीबाई मंडी पर बड़ी संख्या में किसान अपना गेहूं लेकर बेचने के लिए पहुंचे, जहां पर किसानों के गेहूं की बोली व्यापारियों ने 1650 रुपए से लगाना शुरू की। जिससे किसान नाराज हुए। किसानों का कहना है समर्थन मूल्य 2125 है उससे कम में किसान अगर अपना माल बेचेगा तो उसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य की खरीदी भी 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है। उधर व्यापारियों का कहना है गेहूं में नमी आने के कारण गेहूं के दाम उस हिसाब से लगाए जा रहे हैं।

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अच्छे गेहूं के दाम 2185 तक व्यापारी देने को तैयार है। अगर व्यापारी नमी वाला माल 2125 रुपए में ही किसान से खरीदेगा। उसे 6 महीने के लिए कोल्ड स्टोरेज में रखेगा तो गेहूं खराब होने की भी संभावना है और उसके साथ ही व्यापारी मारा जाएगा। मंडी सचिव ने किसानों को आश्वासन दिया है कि कोई भी व्यापारी समर्थन मूल्य से कम में गेहूं की बोली नहीं लगाएगा, किसानों की गेहूं की बोली 2125 से शुरू होगी। फिलहाल किसानों ने हंगामा समाप्त कर अपने गेहूं व्यापारियों से तुलाई शुरू करवा दी है। अब देखना होगा व्यापारियों किसानों का गेहूं किस मूल्य में खरीदते हैं।

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