हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिला कोर्ट (district court) में पहली बार युवती को पाॅक्सो एक्ट (poxo act) के तहत सजा सुनाई गई है। आरोपी युवती को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। उसने 15 साल के बालक का लैंगिक शोषण (sexual abuse) यानी रेप किया था।
दरअसल, पूरा मामला इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र का है। 5 नवंबर 2018 को पीड़ित बालक की मां ने थाने पर शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसका 15 वर्षीय बालक खीर के लिए दूध लेने गया था, जो कि वापस नहीं लौटा। उसे शंका थी कि उसे कोई बहला-फुसलाकर ले गया है। इस पर पुलिस ने धारा 363 किडनैपिंग के मामले में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। मोबाइल लोकेशन के आधार पर बालक को पुलिस ने ढूंढ निकाला। बालक से पूछताछ में सामने आया कि उसे 19 वर्षीय युवती घूमने जाने का बात कहकर गुजरात ले गई थी, जहां टाइल्स फैक्ट्री में उसे काम पर लगा दिया। इसके साथ ही बालक के साथ उसने 5 से 6 बार शारीरिक संबंध बनाने पर उसे मजबूर किया।
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पीड़ित बालक को किसी से भी बात करने की इजाजत नहीं थी और मोबाइल भी आरोपी ने अपने पास रख लिया था। इस पूरे मामले की सुनवाई में तेरवे अपर सत्र न्यायाधीश सुरेखा मिश्रा ने पाॅक्सो एक्ट के तहत 10 साल का सश्रम कारावास किडनैप करने के मामले 5 साल का कारावास और तीन हजार के अर्थदंड से दंडित किया। इंदौर जिला कोर्ट का यह पहला मामला है जिसमें किसी महिला को पाॅक्सो एक्ट में 10 साल की सजा हुई है।
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