हेमंत शर्मा, इंदौर। जमीन धोखाधड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट से शर्त पर रिहा आरोपियों की आज होईकोर्ट में पेशी हुई। आरोपियों ने कोर्ट को बताया कि 96 शिकायतकर्ताओं में लगभग 70 से 75 लोगों का सेटलमेंट कर दिया है। जिन लोगों का सेटलमेंट नहीं हुआ है, उनका डीडी कोर्ट में पेश कर दिया गया। हालांकि सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश रख लिया है।
96 शिकायतकर्ताओं के मामले में सुनवाई
बता दें कि इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भूमाफिया चंपू अजमेरा, हैप्पी धवन, निकुल कपासी, महावीर जैन सोमवार को कोर्ट में पेश हुए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नीलेश और चिराग शाह पेश नहीं हुए। चिराग की ओर से मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किया गया। हाईकोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले में आदेश जारी कर रहे हैं। अभी हाईकोर्ट से सुनवाई के बाद औपचारिक आदेश जारी होना बाकी है। सुनवाई कालिंदी गोल्ड सिटी के 96 शिकायतकर्ताओं के मामले में हुई।
कोर्ट ने पूछा किस आधार पर जमानत दी
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पहले एक-एक कर सभी भूमाफियाओं को नाम लेकर बुलाया, और फिर उनसे पूछा कि आपको पता है कि सुप्रीम कोर्ट ने किस आधार पर आपको लोगों को जमानत दी है। यदि यह सेटलमेंट नहीं करते हैं तो आपके साथ क्या होगा? इस पर सभी चुपचाप सुनते रहे और फिर अधिवक्ताओं ने कहा कि हमारे अधिकांश सेटलमेंट हो चुके हैं। सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि कालिंदी में मुख्य आरोपी तो चंपू, हैप्पी, चिराग, नीलेश है। इस पर चंपू के अधिवक्ता ने कहा कि कालिंदी में चंपू का लेना-देना नहीं है। हाईकोर्ट ने फिर सुप्रीम कोर्ट का आर्डर दोहराया जो सैटलमेंट नहीं करेंगे, उनकी जमानत रद्द होगी।
जमानत निरस्त के लिए आवेदन
शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि हम पहले ही आवेदन लगा चुके हैं कि जमानत निरस्त हो, यह कुछ नहीं कर रहे हैं। अधिवक्ता अतुल कुमार गुप्ता के मुताबिक कालिंदी गोल्ड सिटी के संबंध में सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार नीलेश अजमेरा, चिराग अजमेरा उर्फ चंपू, चिराग शाह, महावीर जैन और हैप्पी धवन व अन्य को हाजिर होने के लिए कहा गया था, जिसके चलते आज यहां कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बताया कि हम लोगों ने जो 96 शिकायतकर्ता है, उनमें 70 से 75 लोगों का सेटलमेंट कर दिया है, बाकी जिन लोगों का सेटलमेंट नहीं हुआ है, उनका डीडी कोर्ट में पेश कर दिया गया है। हालांकि सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश रख लिया है।
एडीएम को धमकाने वाली बात तथ्यहीन
अधिवक्ता अतुल कुमार गुप्ता के मुताबिक एडीएम को धमकाने वाली और सेटलमेंट के लिए धमकाने वाली बात तथ्यहीन है। अधिवक्ता का कहना है कि भूमाफिया होते तो सेटलमेंट नहीं करते। कुछ लोगों को और कुछ कॉलोनियों में प्लॉट नहीं मिल पाए हैं, इनका सेटलमेंट किया जा रहा है। हालांकि अधिवक्ता के अनुसार कोर्ट के आदेश के बाद सभी लोग पेश हो गए थे। मामले में न्यायालय अब कॉलोनी के मुताबिक सुनवाई करने की बात कह रहा है, क्योंकि हर कॉलोनी का मामला अलग हो सकता है। इसलिए आज कालिंदी गोल्ड की सुनवाई हुई थी। हालांकि फिनिक्स टाउनशिप और सेटेलाइट हिल्स की सुनवाई अभी होना बाकी है।
बाइट : अधिवक्ता, अतुल कुमार गुप्ता
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