चंकी बाजपेयी, इंदौर। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन (Indore-Manmad Rail Line) को धरातल पर लाने की दिशा में अब तेजी से काम हो रहा है। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की डीपीआर (DPR) यानी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो गई है। सेंट्रल रेलवे ने इसे रेलवे बोर्ड में प्रस्तुत की है।

268 किलोमीटर की होगी रेल लाइन

सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इंदौर मनमाड़ रेल लाइन कुल 268 किलोमीटर की होगी। जिसमें से धूलिया, मनमाड़ के बीच 50 किलोमीटर पर काम जारी है। वहीं बचे हुए 218 किलोमीटर के लिए 2 हजार 200 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। इस रूट पर 300 छोटे-बड़े ब्रिज बनेंगे। इस लाइन पर 9 टनल बनेगी, जिसकी लंबाई 20 किलोमीटर से ज्यादा होगी। रेलमार्ग पर 34 स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। ट्रैक के बनने से मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के छह जिलों यानी इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, धुले और नासिक को फायदा होगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 22,000 करोड़ रुपए से ज्यादा होगी।

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रेल मंत्री ने प्रोजेक्ट के बारे की थी चर्चा

पिछले दिनों रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंदौर स्टेशन पर दौरा किया था और इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तृत चर्चा की थी। रेलमंत्री ने इंदौर से जुड़े सभी प्रोजेक्ट की रिपोर्ट दिल्ली भेजने के निर्देश दिए थे। इससे पहले सांसद शंकर लालवानी ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अनिल लाहोटी से मुलाकात कर इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन के सर्वे के काम को जल्दी ही पूरा करने का आग्रह किया था। जिस पर चेयरमैन ने सेंट्रल रेलवे से रिपोर्ट जल्द सबमिट करने के लिए कहा था।

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इन्होंने की थी रेल लाइन की पहल

अब रेलवे बोर्ड इस रिपोर्ट का परीक्षण कर नीति आयोग को भेजेगा। जिसके बाद नीति आयोग इसका अध्ययन करेगा और वित्त मंत्रालय में ये रिपोर्ट जाएगी। आखिर में केंद्रीय कैबिनेट इस पर अंतिम मुहर लगाएगा। पहले पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन की पहल की थी। यह प्रोजेक्ट चार एजेंसी मिलकर करने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों से यह आगे नहीं बढ़ पाया था। बाद में जुलाई 2022 में सांसद लालवानी के आग्रह पर रेल मंत्रालय ने इसे खुद करने का फैसला किया और एक साल में ये काम गति पकड़ चुका है।

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