इन्द्रपाल सिंह, इटारसी। मध्यप्रदेश के इटारसी में 9 साल पहले गांव के एक आदिवासी ने पड़ोस में रहने वाली एक महिला को कुल्हाड़ी और पत्थर मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया था। न्यायालय ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है। वहीं सबूत मिटाने के मामले में एक आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई गई है।

दरअसल, बीते साल 2014 में फरियादी भागराम ने अपनी पत्नी भूरिया बाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट केसला थाने में की थी। भागराम ने शिकायत में बताया था कि उसकी पत्नी 2 जनवरी 2014, से घर से कहीं चली गई है। तलाश करने के बाद उसका कुछ पता नहीं चल रहा है।

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इसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कर महिला की तलाश शुरू की। पुलिस को महिला के पति भागराम ने थाने में बताया था कि उसके पड़ोसी माखन कोरकू पर उसको शक है कि उसने जादू टोना कर मेरी पत्नी भूरिया बाई की हत्या की है। जिस पर पुलिस ने आरोपी माखन पर धारा 302 एवं 201 के अंतर्गत गिरफ्तार किया।

आरोपी ने अपराध स्वीकर करते हुए बताया कि उसने भूरिया बाई की गांव से कुछ दूर बड़ा डोल के जंगल में कुल्हाड़ी और पत्थर मारकर हत्या की। मेरे भाई राजू ने मृतिका भूरिया बाई की लाश को 2 किलोमीटर दूर ले जाकर पहाड़ियों के बीच में छुपा दिया था। जिसके बाद केसला पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।

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इस मामले की सुनवाई करते हुए तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशीला शर्मा ने गवाहों और दस्तावेजों के आधार पर माखन कोरकू को धारा 302 में आजीवन कारावास और 1000 रुपये जुर्माना एवं धारा 201 में 7 वर्ष का कारावास और 500 रुपये जुर्माना, वहीं सबूत मिटाने के आरोपी राजू को धारा 201 में दोषी मानते हुए 7 वर्ष का कारावास और 500 रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। दोनों आरोपी पूर्व से जमानत पर थे। आज न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया है। शासन की ओर से इटारसी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक भूरे सिंह भदौरिया और राजू शुक्ला, राजीव शुक्ला ने पैरवी की।

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