कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में 3 करोड़ का 1020 टन यूरिया गायब होने के मामले में सीएम शिवराज के सख्त तेवर के बाद दोषियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। दो दिन पहले जहां तीन लोगों पर एफआईआर हुई थी, वहीं अब कृषि विभाग ने डीपीएमके फर्टिलाइजर्स का लायसेंस रद्द कर दिया गया है। डीपीएमके फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड को परिवहन की जिम्मेदारी मिली थी।

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दरअसल, 26 अगस्त को 2666 टन यूरिया जबलपुर पहुंचा था। ये यूरिया सिवनी, मंडला, डिंडोरी और दमोह की सहकारी समितियों को आंवटित करने के लिए आया था. लेकिन 1020 टन यूरिया गायब हो गया। करीब तीन करोड़ रुपए से अधिक का यूरिया सोसायटियों तक नहीं पहुंचा। यूरिया को सरकारी समितियों की जगह प्राइवेट फर्म को पहुंचा दिया गया। परिवहन की जिम्मेदारी डीपीएमके फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड को मिली थी। यूरिया के वितरण में धांधली का मामला उजागर होने पर डीपीएमके फर्टिलाइजर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है।

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तीन लोगों पर हो चुकी है FIR

इस मामले में कृभको के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेंद्र चौधरी, डीपीएमके ट्रांसपोर्ट कंपनी के मैनेजर द्वारिका गुप्ता, रैक हैंडलर स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3, धारा 409, 34 एवं 120-बी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। फिलहाल मामले में जांच जारी है।

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