कुमार इंदर,जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में बहुचर्चित मिशनरी जमीन घोटाला मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने संपत्तियों को भू-माफियाओं को बेचने के आरोपों से संबंधित याचिका पर जांच के आदेश दिए हैं। मिशनरी की जमीनों को मेथोडिस्ट चर्च के पदाधिकारियों के द्वारा भू-माफियाओं को साजिश के तहत बेचे जाने के खिलाफ दायर याचिका में शिकायतकर्ताओं ने जमीनों को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

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बता दें कि 13 साल तक चली सुनवाई के बाद याचिका का निराकरण करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के राजस्व विभाग, कमिश्नर राजस्व संभाग, जबलपुर के कलेक्टर और अन्य प्रतिवादियों को जांच के आदेश दिए हैं। पत्रकारों से चर्चा करते हुए याचिकाकर्ता और यूनाइटेड चर्च ऑफ़ नॉर्दर्न इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा है कि, मिशनरी की संपत्तियां धार्मिक और धर्मार्थ और समुदाय के कल्याण के उद्देश्य से प्रदान की गई थी। लेकिन मेथोडिस्ट चर्च संस्था के पदाधिकारियों और भू-माफियाओं ने मिलकर अरबों की जमीनों को साजिश के तहत हड़प लिया है। उन्होंने भरोसा जताया है कि अदालती आदेश के बाद क्रिश्चियन समाज के लोगों में अपनी संपत्तियों को बचाने के लिए भरोसा मजबूत हुआ है।

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गौरतलब है कि चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के पूर्व बिशप पीसी सिंह को ईओडब्ल्यू द्वारा दबोचे जाने के बाद मिशनरी की जमीनों के बंदरबांट को लेकर एक बार फिर शिकायतों का दौर शुरू हो गया था।  ईओडब्ल्यू की जांच में भी मिशनरी की जमीनों के बंदरबांट के कई मामले सामने आए थे। हालांकि यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्दन इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन के द्वारा मिशनरी की जमीनों को साजिश के तहत बेचे जाने को लेकर सालों से अदालती लड़ाई लड़ी जा रही है।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल कई साल पहले शासन की ओर से मिशनरी समाज को स्कूल और चर्च के संचालन के लिए 1 लाख 70 हजार वर्ग फीट जमीन आवंटन की गई थी। जिसकी लीज साल 1999 में ही खत्म हो गई थी।  तब से ना तो कोई जमीन की लीज रिन्यू कराई गई बल्कि स्कूल और चर्च के नाम पर मिली इस जमीन पर व्यावसायिक गतिविधि चलाई जा रही थी।  

एक अरब 36 करोड़ की है यह जमीन

मिशनरी संस्थान को मिली इस जमीन की कीमत एक अरब 36 करोड़ 26 लाख रुपए से ज्यादा की है। जिस पर पूर्व बिशप पीसी सिंह ने अवैध तरीके से व्यावसायिक गतिविधि चला रहा रखी थी। जिसका पैसा सीधे पीसी सिंह के खाते में पहुंचता था। यही नहीं पूर्व बिशप पीसी सिंह ने मिशनरी की जमीन पर प्लाटिंग भी कर दी थी। 

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