कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट ने हाईप्रोफाइल रेप मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। चार्जशीट के बिना ही आरोपी वकील को जमानत दे दी। कोर्ट ने माना की दोनों के बीच सहमति से संबंध बने। इसलिए इसे रेप नहीं माना जाएगा। अदालत ने यह भी कहा कि जेल में रखकर केस की इन्वेस्टिगेशन की कोई जरूरत नहीं है। आइए जानते है आखिर पूरा मामला क्या है…

रेप के एक हाई प्रोफाइल मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बिना चालान सीट के ही आरोपी बनाए गए वकील को जमानत दे दी। यही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि इस केस में आरोपी वकील को जेल के अंदर रखकर इन्वेस्टिगेशन करने लायक कुछ नहीं बचा है। दरअसल, मामला भोपाल जिले के रहने वाले आरोपी वकील और शिकायतकर्ता महिला का है। महिला ने रायसेन जिले के मंडीदीप थाने में जनवरी में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथी वकील ने उसके साथ रात को नशे की हालत में बलात्कार किया।

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हाईकोर्ट में पूरे ट्रायल के दौरान आरोपी वकील की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता पंखुरी विश्वकर्मा ने कोर्ट को बताया कि महिला ने जिस तरह से आरोपी वकील पर बलात्कार के आरोप लगाए हैं वह कहीं से भी जायज नहीं है। महिला वकील पंखुरी विश्वकर्मा ने कोर्ट ने को बताया कि शिकायतकर्ता महिला और आरोपी वकील के बीच में पहले से दोस्ताना संबंध के साथ व्यापारिक रिश्ते भी है। HC ने यह भी पाया कि शिकायतकर्ता महिला आरोपी के पास खुद फोन कर पहुंची थी और दोनों रात को लॉन्ग ड्राइव पर निकले और इसी दौरान दोनों के बीच में सारी चीज हुई जो कि रेप की श्रेणी में नहीं आता।

पहले भी हो चुकी है FIR

शिकायतकर्ता महिला ने इसके पहले भी आरोपी वकील के खिलाफ दो बार चेक बाउंस और पैसे के विवाद को लेकर एफआईआर कराई थी, जिसमें कोर्ट ने भी यह पाया है कि शिकायतकर्ता महिला और आरोपी वकील के बीच विवाद को रेप केस का रूप देने की कोशिश है।

महिला ने खुद को बताया मानव अधिकार संघ का सचिव

शिकायतकर्ता महिला ने खुद को मध्य प्रदेश मानव अधिकार संघ का सचिव बताया है। महिला और आरोपी वकील के बीच में लंबे समय से प्याज का बिजनेस है और दोनों के बीच में बिजनेस में पैसे को लेकर कई बार विवाद हुआ था। घटना वाले दिन महिला ने आरोपी वकील को फोन लगाया और फिर दोनों रात को लॉन्ग ड्राइव पर निकले और इसी दौरान शराब का सेवन किया और दोनों के सहमति से संबंध बने, लेकिन इसका फायदा उठाकर शिकायतकर्ता महिला ने रेप का केस बनाने की कोशिश की।

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जेल में रखकर केस की इन्वेस्टिगेशन की जरूरत नहीं- HC

हाईकोर्ट ने चालान डायरी पेश होने से पहले ही दो आरोपी को जमानत दे दी। 50 हजार के निजी मुचलके पर आरोपी वकील को जमानत मिली। कोर्ट ने कहा कि जेल में रखकर केस की इन्वेस्टिगेशन की कोई जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि वकील भोपाल का रहने वाला है।

आरोपी के वकील पंखुरी विश्वकर्मा ने बताया कि न्यायालय ने रेप के आरोपी को जमानत दी है। खास बात यह है कि इस केस की चार्जशीट अभी फाइल नहीं हुई है। शिकायत का अवलोकन कर कोर्ट ने आरोपी को जमानत दी है। उन्होंने बताया कि आरोपी और महिला के बीच मटेरियल संबंध था। दोनों के बीच पार्टनरशिप में व्यापार था। बीच में पैसे के लेन देन को लेकर विवाद हुआ था। जिसका केस पहले से ही पेंडिंग था। इसी बीच महिला ने पैसों की बातचीत करने के लिए आरोपी को कॉल कर बुलाया। इस दौरान यह घटना हुई। महिला का आरोप था कि शराब पिलाकर उसका रेप किया गया है। फिलहाल कोर्ट ने आरोपी वकील को जमानत दे दी है।

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