कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) में हिन्दू धर्म सेना के अध्यक्ष का एक विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अगर, कोई हिन्दू लड़का मुस्लिम लड़की से शादी करता है, तो उसे 11 हजार रुपये का उपहार दिया जाएगा। योगेश अग्रवाल ने कहा कि मुस्लिम युवती और हिंदू युवक प्रेम विवाह (Love Marriage) करता है तो संगठन उसकी मदद करेगा। हिन्दू धर्मसेना और चंडी वाहिनी ने हिंदू युवकों को दूसरे धर्म में विवाह का खर्च उठाने का ऐलान भी किया है।
हिन्दू धर्म सेना के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि लव जिहाद (Love Jihad) के माध्यम से हमारी बच्चियों को भगाकर ले जाया जा रहा है। उनका धर्म परिवर्तन (Religion change) कर निकाह कर रहे है। बाद में हमारी हिन्दू बच्चियों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है। उसकी लाश सूटकेश में पाई जाती है। ये किसी से छुपा नहीं है। इसे रोकने के लिए हमने आह्वान किया है। अगर हिन्दू नौजवानों का मुस्लिम युवती से प्रेम संबंध है तो हम स्वागत करेंगे। हम विवाह करवाएंगे और 11 हजार की राशि उपहार स्वरूप में देंगे।
चंडी वाहिनी की अध्यक्ष बोलीं- उपहार देना हमारी भारतीय संस्कृति
चंडी वाहिनी की अध्यक्ष लता सिंह ठाकुर ने कहा कि हमने 11 हजार का इनाम नहीं रखा है। इनाम तो प्रतिस्पर्धा में रखा जाता है। ये प्रतिस्पर्धा नहीं है। हमारी भारतीय संस्कृति में, सनातन धर्म में विवाह एक पवित्र बंधन है। बहुत सुंदर संस्कार है। ये लव जिहाद नहीं है। इसलिए अगर हमारा हिन्दू बच्चा किसी भी धर्म, पंत, मजहब से युवती से प्रेम विवाह कर लाता है तो हम निश्चित रूप से उसको उपहार स्वरूप में राशि देंगे। अभी 11 हजार है, हो सकता है आने वाले समय में हम उसको बढ़ा भी दें। उपहार देना हमारी भारतीय संस्कृति में है।
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लता सिंह ठाकुर ने आगे कहा कि हमारे घर में यदि कोई भी बच्ची आती है, चाहे वो विधर्मियों की ही क्यों ना हो, मगर हमारे लिए वो पूज्यनीय है। हमारी बच्चियों को वो बरगला कर, झूठ बोलकर ले जाते है। जबकि उनके मजबह में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हिन्दू लड़कियों से शादी नहीं करना है, विवाह नहीं किया जाता है, वर्जित है। उसको लाओं, अच्छी तरह से उसका उपभोग करो, बच्चे पैदा करो, तुम्हारी बात नहीं मानती है तो काटो-पीटो, उसके टुकड़े-टुकड़े करो, फ्रीज, सूटकेस में बंद करो, कूकर में पाकाओं, ये हमारी संस्कृति में नहीं है। हमारी संस्कृति ये है की किसी भी धर्म की बच्ची अगर हमारे धर्म में आती है, तो उसका ससम्मान, स्वागत और सतकार करते है, गृहलक्ष्मी मनाते है, इसलिए हमने उपहार स्वरूप यह राशि रखी है।
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