कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के दमोह में हाल ही में फर्जी डॉक्टर की सर्जरी से 7 मरीजों की मौत हो गई। इस घटना ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया। लेकिन इन बड़े हादसों के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। शायद यही वजह है कि प्रदेश की कई जगहों पर अब भी फर्जी अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं। Lalluram.com ने जबलपुर में ऐसे ही एक हॉस्पिटल का पर्दाफाश किया है जो लोगों को ठीक करने का झांसा देकर उनकी जान से खिलवास कर रहा है।

टीन और शेड के नीचे ‘जीवन ज्योति अस्पताल’

दरअसल, जबलपुर में ‘जीवन ज्योति’ नाम से एक अस्पताल चल रहा है जो किसी भी तरीके से अस्पताल नहीं लगता है। आपको यह जानकर यकीन नहीं होगा लेकिन इस हॉस्पिटल को टीन और सीमेंट शेड के नीचे संचालित किया जा रहा है। “जीवन ज्योति अस्पताल” में न तो मरीज है और न ही डॉक्टर। वहीं ICU वार्ड के नाम पर भी मजाक किया जा रहा है।

ऑपरेशन थियेटर का बोर्ड लेकिन ऑपरेशन थियेटर नहीं

तीन से चार कमरों में चलने वाले हॉस्पिटल में ऑपरेशन थियेटर का बोर्ड तो है लेकिन ऑपरेशन थियेटर ही नहीं है। वहीं लल्लूराम डॉट कॉम ने जब पड़ताल की तो वहां एक भी मरीज नहीं मिला। इस अस्पताल में दुनियाभर की बीमारी के इलाज का दावा किया जा रहा है। लेकिन इसके इतर जमीनी हकीकत कुछ और ही थी। 

BHMS डॉक्टर चला रही हॉस्पिटल 

यह अस्पताल किसी प्रोफेशनल इंसान या बिजनेसमैन नहीं बल्कि अंजू जैसवाल नाम की एक डॉक्टर चला रही है। इस अस्पताल में कोई डॉक्टर भी नहीं था। एंबुलेंस में मरीज लाने की सेटिंग  है लेकिन इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। 

सिस्टम पर उठ रहे सवाल 

इस तरह कथित अस्पताल चलाने का मामला सामने आने के बाद हेल्थ सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दमोह में 7 मौतों के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुली और जांच शुरू नहीं की गई। ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि क्या स्वास्थ्य विभाग किसी और बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है? आखिर कुंभकरण जिम्मेदार कब नींद से जागेंगे और ऐसे फर्जी अस्पतालों पर कब हंटर चलाएंगे, यह देखने वाली बात है।

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