कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में वकील सुरक्षित नहीं हैं। जिला न्यायालय परिसर में एक अधिवक्ता के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। नकली रेमडेसिविर कांड के आरोपी व सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और उसके बेटे हरकरण सिंह ने वकील के साथ मारपीट की है। मामला कोरोना काल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने से जुड़ा है। पीड़ित की शिकायत ओमती थाना पुलिस केस दर्ज कर लिया है।

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पीड़ित अधिवक्ता महेंद्र श्रीवास ने बताया कि जिला न्यायालय में मैं अपनी सीट पर बैठकर काम कर रहा था, तभी तीन बजे के आसपास नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में आरोपी सरबजीत सिंह मोखा और उसका बेटा हरकरण सिंह वहां पहुंचे और गाली गलौज करते हुए मुझपर कटार से हमला कर दिया। दोनों मुझसे कहने लगे कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जो तूने केस दर्ज कराया उसमें समझौता कर ले, नहीं तो तुझे झूठे केस में फंसवा देंगे। मैंने इसकी शिकायत जिला न्यायालय के अध्यक्ष, सचिव और ओमती थाने में की है।

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आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज

पीड़ित अधिवक्ता महेंद्र श्रीवास ने अपने साथ हुई मारपीट की शिकायत ओमती थाने में दर्ज कराई है। वहीं पुलिस ने भी सरबजीत सिंह मोखा, हरकरण सिंह और उसके एक साथी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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नकली रेमडेसिविर का ये था पूरा मामला

कोरोना कू दूसरी लहर में 1 मई 2021 को गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का भंडाफोड़ हुआ था। 6 मई को गुजरात पुलिस ने जबलपुर से सपन जैन नामक व्यक्ति को उठाया। सपन से पूछताछ के बाद ओमती पुलिस ने 9 मई को सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा के खिलाफ धारा 274, 275, 308, 420, 120 बी, 467, 468, 201, 304 और 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण दर्ज होने के बाद सरबजीत सिंह मोखा काफी समय तक फरार था। 21 मई 2021 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। जांच के बाद सरबजीत सिंह मोखा के साथ जसमीत सिंह मोखा, हरकरन मोखा, सोनिया राणा खत्री, सुनील मिश्रा, पुनीत शाह, कौशल बोरा, देवेश चौरसिया, राकेश शर्मा, सुधीर मिश्रा को भी आरोपी बनाया गया। जांच करने पर पता चला कि जबलपुर में कुल 500 इंजेक्शन आए थे। मोखा ने कोरोना संक्रमित मरीजों को महंगे दामों पर अपने अस्पताल सिटी अस्पताल में इंजेक्शन लगाए थे।

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