कुमार इंदर, जबलपुर। अक्सर ये देखने और सुनने में आता है कि सरकारी स्कूलों को लेकर हम सबकी आपकी शिकायत रहती है कि टीचर स्कूल नहीं आते। बच्चों को पढ़ाई नहीं कराते, सरकारें स्कूल नहीं बनाती, लेकिन जब सरकार स्कूल बनाने तैयार है तो उसी पार्टी के एक नेता और उसी सरकार के एक सरकारी विभाग की एक महिला कर्मी स्कूल नहीं बनने देना चाहते। भाजपा के पार्षद जीतू कटारे धमकी दे रहे है कि अगर सीएम राइज स्कूल की दीवार खड़ी हुई तो अगली बार वह बात नहीं करेंगे मुंह तोड़ जवाब देंगे और स्कूल की दीवारें भी जमींदोज कर देंगे। 

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दरअसल स्कूल का विरोध करने वाले बीजेपी के इस नेता का कहना है कि चाह कुछ रहे हैं कर कुछ रहे हैं और बोल कुछ रहे हैं। एक तरफ यह कहते हैं कि इसका उद्घाटन हमारे मंत्री के द्वारा होना चाहिए,‌ दूसरी तरफ यह कहते हैं कि यह खेल का मैदान है स्कूल नहीं बनना चाहिए। तीसरी तरफ कह रहे हैं कि अवैध तरीके से स्कूल बनाया जा रहा है। दरअसल इन्हें खुद ही नहीं पता कि यह कह क्या रहे हैं और कर क्या रहे हैं । होता है जब दिमाग किसी का और जुबान किसी की होती है तो चीज पर पटरी हो जाती है।


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दमोह से आए मजदूरों को भी दी धमकी 

भाजपा नेता ने सिर्फ स्कूल की दिवारी गिराने की धमकी नहीं दी है, बल्कि स्कूल का निर्माण करने के लिए दमोह से पहुंचे मजदूरों को भी दो टूक समझा दिया है यदि अब काम करते नजर आए तो समझाऊंगा नहीं बल्कि बताऊंगा की मै क्या कर सकता हूं।

क्या है पूरा मामला 

जरा अब पूरा माजरा समझ लीजिए दरअसल जबलपुर के बद्द्दा दादा ग्राउंड में सीएम राइज  स्कूल का निर्माण होना है। जिसके लिए तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी ने 20 सितम्बर 2022 को 16 एकड़ जमीन आवंटित कराई थी जिसके 42 करोड़ रुपए की राशि भी जारी कर दी गई है और स्कूल का काम भी शुरू हो गया है। लेकिन मेडिकल कॉलेज की डीन अब यह कहती है कि यह जमीन मेडिकल कॉलेज की है, लिहाजा यहां पर स्कूल कतई नहीं बन सकता। वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के समर्थन में यहां के स्थानीय नेता और भाजपा पार्षद भी उतर आए हैं जो कह रहे हैं कि स्कूल बनाना है तो कहीं और जाकर बनाएं । सवाल यह उठता है कि जिस वक्त तत्कालीन कलेक्टर ने जमीन आवंटित कराई थी तब मेडिकल कॉलेज की डीन कहां गई थी ? क्या उस समय तत्कालीन कलेक्टर ने दबाव में जमीन दी थी या अवैध तरीके से यह जमीन स्कूल के लिए आवंटित कर दी थी।

पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने किया था भूमिपूजन 

सवाल है कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज की डीन और भाजपा के पार्षद जीतू कटारे अपने ही प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आदेश को पलटना क्यों चाहते हैं, वो भी उस स्थिति में जब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अक्टूबर 2023 को स्कूल की नींव रखने के लिए भूमि पूजन किया था। आज उसी स्कूल को मेडिकल कॉलेज की डीन गीता गोइन और जबलपुर के महाराणा प्रताप वार्ड के पार्षद जीतू कटारे हर हाल में बनने से रोकना चाहते हैं।

दो साल तक कहां थी मेडीकल कॉलेज की डीन 

सवाल उठता है कि आखिर 2 साल तक मेडिकल कॉलेज की डीन और भाजपा नेता इस योजना पर मौन क्यों रहे ?, काम शुरू होते ही आखिर डीन और बीजेपी नेता क्यों अड़ंगा शुरू कर दिया। एक तरफ डीन का कहना है कि यह जमीन मेडिकल कॉलेज के प्रोजेक्ट के लिए है, तो दूसरी ओर डीन इसी मैदान पर सर्कस चलाने की अनुमति दे देती है, शादी के लिए ग्राउंड किराए पर देती है, राजनीतिक आयोजन के लिए मैदान किराए पर दिया जाता है तब उनको प्रॉजेक्ट याद नहीं आता। लेकिन जब उसी जमीन पर गरीब बच्चों के लिए सरकारी सीएम स्कूल बनता है तो उन्हें प्रोजेक्ट याद आता है।

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