शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के काम में अनियमितता बरतने पर एक्शन हुआ है। 280 एजेंसियां और 22 ठेकेदार ब्लैक लिस्ट हुए है। जबकि अनुबंध निरस्त कर गलत डीपीआर बनाने वाले 141 अधिकारियों और 187 एजेंसियों को नोटिस भेजा गया है। वहीं टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन करने वाले 10 अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।

दरअसल, मुख्य सचिव अनुराग जैन ने मंगलवार को मंत्रालय में जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रदेश के 72 प्रतिशत से ज्यादा घरों में नल से जल कनेक्शन हुआ है। सीएस अनुराग ने काम को लेकर संतोष जताया और कहा कि इस योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं उन्होंने जल जीवन मिशन की शेष योजनाओं में कार्य की गति तेज करते हुए हर ग्राम के हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

आपको बता दें कि एमपी में साल 2020 से जल जीवन मिशन संचालित है, जिसके अंतर्गत प्रदेशभर में भू-जल स्त्रोत आधारित एकल ग्राम नल जल योजनाएं और सतही जल स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन से स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस मिशन के तहत कुछ एकल ग्राम नल जल योजनाओं में कुछ मजरे, पारे, टोलों के छूट जाने का मामला संज्ञान में आया था, जिसके फलस्वरूप कुछ ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन प्राप्त न होने की शिकायतें आ रही थीं।

इस समस्या और शिकायत के संदर्भ में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने निर्देश दिए थे कि एकल ग्राम नल जल प्रदाय योजनाओं के पुनरीक्षित होने के कारणों का योजनावार परीक्षण और सत्यापन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग व मध्यप्रदेश जल निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से कराया जाए। साथ ही यह निर्देश दिए गए थे कि जिन ग्रामों की मूल योजनाओं की डीपीआर तैयार करने में मैदानी अफसरों ने लापरवाही की है, उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जाए।

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