निलेश भानपुरिया, झाबुआ। मध्यप्रदेश के लोक निर्माण ग्रामोद्योग व कुटीर उद्योग मंत्री गोपाल भार्गव का विवादय बयान सामने आया है। उन्होंने मजदूरी के लिए आदिवासियों के पलायन को परंपरागत (ट्रेडिशनल) बताया है। मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि मजदूर यदि अन्य राज्यों में जाते हैं तो ये परंपरागत है इसे बलपूर्वक नहीं रोक सकते। साथ ही उन्होंने मनरेगा जैसी योजनाओं में बेहतर काम कर स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने की बात कही है।

महापंचायत में ‘जयस’ ने भरी हुंकार: 2023 के चुनाव में 80 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, इधर सांसद प्रज्ञा ने जयस को बताया घातक आदिवासी संगठन

प्रदेश के अधिकांश आदिवासी बहुल क्षेत्र में एक ओर जहां रोजगार का भारी अभाव हो चला है। वहीं दूसरी तरफ मजदूरों को स्थानीय स्तर पर मनरेगा जैसी योजनाओ में भ्रष्टाचार और आंकड़ों की जादूगरी की जा रही है। स्थानीय स्तर पर मजदूरों को काम दिलाने की अनदेखी की वजह से लाखों आदिवासी काम के अभाव में पलायन कर रहे है। आदिवासी मजदूर गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में मजदूरी के लिए पलायन करते है। इन आदिवासी मजदूरों की मजबूरी समझने वाला कोई नहीं है।

MP: उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन ने मंत्री प्रभुराम के साथ किया स्कूल का निरीक्षण, बच्चों ने अव्यवस्थाओं को लेकर की शिकायत

बता दें कि मंत्री गोपाल भार्गव मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना शिविर की समीक्षा करने झाबुआ पहुंचे थे। जहां उन्होंने आदिवासियों के पलायन को परंपरागत ट्रेडिशनल बताते हुए विवादास्पद बयान दिया है। मध्य प्रदेश के मजदूर यदि अन्य राज्यों में जाते हैं तो ये परंपरागत है इसे बलपूर्वक खत्म नहीं किया जा सकता है। मंत्री भार्गव ने यह भी माना कि रोजगार उपलब्ध कराने में कहीं ना कहीं कमी है। मनरेगा जैसी योजनाओं पर और अधिक ध्यान देकर काम करने की जरूरत है।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus