अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में न्यूट्रिशन के लिये बालगृहों में खाने में अंडा और चिकन शामिल किया जायेगा। एमपी के बालगृह और संप्रेषण गृहों में किशोरों के रहने, खाने और पहनने का मानक तय हुआ है। मध्यप्रदेश किशोर न्याय नियम 2022 में नए मानक तय किये गये है। शाकाहारी बच्चों को गुड़ और मूंगफली के साथ पनीर दी जायेगी।

अब हफ्ते में एक बार चिकन और चार दिन अंडा देने का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसी तरह बच्चों के पहनने के कपड़े भी तय किए गए है। स्वेटर, शॉल और स्कूल ड्रेस, जूते भी दिये जाएंगे। प्रवेश के समय और 6 महीने बाद सामाग्री दी जाएगी।

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प्रदेश में 150 से ज्यादा बालगृह, शिशुगृह, संप्रेषण गृह है। यहां गुमशुदा, भीख मांगने वाले, निराश्रित, बाल अपराधी, अनाथ और बेसहारा किशोरों को सहारा दिया जाता है।

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