शशांक द्विवेदी, खजुराहो। छतरपुर जिले के खजुराहो में चंदेल कालीन मंदिरों में उकेरी गई शिल्पी विश्व विख्यात है। जहां कला, शिल्पकार और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कोई न कोई आयोजिन किया जाता है। ताकि कलाकर का उसकी कला का प्रदर्शन, उचित मूल्य और एक मंच मिल सके। इसी उद्देश्य को लेकर इन दिनों खजुराहो में एक हस्त शिल्प सेवा केंद्र ग्वालियर द्वारा शिल्प और बुनाई महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

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यह आयोजन शिल्प ग्राम में किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश के करीब 25 हस्त शिल्पकार को प्रदर्शन करने के लिए लाया गया है। ताकि मेले में भारतीय शिल्पकला के विभिन्न विधाओं के उत्पादों को प्रदर्शित किया जा सके। उनकी कला का उचित मूल्य भी मिल सके। लेकिन महोत्सव में सम्मिलत हस्त शिल्पकार काफी मायूस हैं। क्योंकि महोत्सव का न तो प्रचार-प्रसार किया गया है और न ही स्थानीय लोगों को इस आयोजन के संबंध में जानकारी नहीं है। हालांकि 26 नवंबर तक ही इस महाेत्सव का आयोजन किया जाएगा।

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