भोपाल/खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन (Khargone) जिले में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई। एक साथ कई परिवार उजड़ गए। घटना में 25 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिसमें से 12 गंभीर घायलों को इंदौर रेफर किया गया है। बाकी लोगों का खरगोन जिला अस्पताल में इलाज जारी है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि हादसे के बाद हर बार की तरह इस दुर्घटना में भी मुआवजे का मरहम लगाकर शासन-प्रशासन मामले का इतिश्री कर देंगे? या जिम्मेदारों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिससे आने वाले समय में लोग सबक ले सके और इस तरह की दुर्घटना की पुरनावृत्ति ना हो। अक्सर देखा जाता है कि हादसे के बाद सवाल-जवाब किए जाते हैं और कुछ दिनों बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
दरअसल, मां शारदा ट्रैवल्स की बस खरगोन से इंदौर की तरफ जा रही थी। इस दौरान खरगोन ठीकरी रोड पर डोंगरगांव और दसंगा के बीच बने पुल की रेलिंग तोड़कर बस सीधे नीचे सूखी नदी में गिर गई। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई। बस के गिरते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया। वहीं कलेक्टर, एसपी, विधायक घटना स्थल पर मौके पर पहुंचे। यह हादसा सुबह करीब साढ़े 8 से 9 बजे के बीच हुआ।
पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित, सीएम शिवराज ने जताया दुख
इस घटना को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान से लेकर कई नेताओं ने दुख जताया है। राज्य सरकार ने हादसे में घायल लोगों के मुफ्त इलाज के साथ ही मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का भी ऐलान कर दिया है। मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार और कम एवं साधारण घायलों को 25 हजार रुपए देने की घोषणा की है।
गृहमंत्री ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने भी इस हादसे में दुख जताया है। घटना कैसे हुई इसकी मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए है। साथ ही घायलों के शीघ्र ठीक होने और उनके समुचित इलाज की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
IG ने घटनास्थल किया दौरा
वहीं दोपहर में ग्रामीण आईजी राकेश गुप्ता ने घटनास्थल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कुछ घायल खरगोन के जिला अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं अति गंभीर घायलों को इंदौर के एमवाय अस्पताल रेफर किया गया है। ड्राइवर की स्थिति फिलहाल नाजुक बनी हुई है। ड्राइवर अपने बयान बार-बार बदल रहा है। घटना में छोटे बच्चों की भी मौत हुई है।
परिवहन मंत्री बोले- दोषियों पर होगी कार्रवाई
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि शुरुआती जांच में सामने आया कि बस की स्पीड तेज नहीं थी। पुल सकरा होने के कारण बस की स्पीड तेज नहीं थी। बस का फिटनेस जांच में सही पाया गया और बस के अंदर क्षमता से ज्यादा यात्री सवार भी नहीं थे। उन्होंने बताया कि सभी यात्री खरगोन जिले के रहने वाले है। जांच के बाद हादसे की वजह सामने आएगी। ड्राइवर की पलक झपकने के कारण भी हादसा हो सकता है। कहा कि जांच में जो दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। गंभीर घायल को इंदौर रेफर किया गया है।
जिले के प्रभारी मंत्री ने किया दौरा, आरटीओ को किया सस्पेंड
जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने घायलों का हालचाल जाना। मंत्री कमल पटेल ने आरटीओ अधिकारी बरखा गौरै को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। साथ ही मामले में कलेक्टर-एसपी को जांच के निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस नेताओं ने भी जताया दुख
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इस हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- खरगोन जिले में एक बस के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 15 लोगों की मृत्यु और बहुत से लोगों के घायल होने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है। राहत और बचाव दल को अपने अभियान में शीघ्र सफलता मिले ऐसी प्रार्थना है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा- खरगोन जिले के ग्राम डोंगरगांव – दसंगा के बीच पुल पर से एक यात्री बस के दुर्घटनाग्रस्त होने एवं इसमे कई यात्रियों के दुखद निधन एवं घायल होने का समाचार पीड़ादायक है । ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं ।
पूर्व मंत्री और कसरावद विधायक सचिन यादव ने कहा- खरगोन जिले के ग्राम डोंगरगांव-दसंगा के बीच पुल पर से एक यात्री बस के दुर्घटनाग्रस्त होने एवं इसमे कई यात्रियों के दुखद निधन एवं घायल होने का समाचार पीड़ादायक है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।
MP खरगोन बस हादसाः प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर जताया दुख, घायलों के शीघ्र स्वस्थ लाभ की कामना की
कांग्रेस विधायक ने मांगा इस्तीफा
इधर पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने दुर्घटना पर दुख जताते हुए प्रदेश के परिवहन मंत्री से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि अगर वो इस्तीफा ना दें तो मुख्यमंत्री उनको मंत्री मंडल से तुरंत हटाएं। दुर्घटना ग्रस्त बस का परमिट और बीमा ना होने की बात सामने आई है। प्रदेश भर में इसी तरह की जा रही है। परिवहन विभाग की साफ लापरवाही दिख रही है। बिना परमिट, बिना लाइसेंस की बसें चल रही हैं। लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नाको पर अवैध वसूली हो रही है।
प्रथमदृष्टया हादसे का कारण बस में क्षमता से अधिक सवारी को बताया जा रहा है। हादसा लापरवाही के चलते हुआ है। ऐसे में सवाल उठना लाजिम है। अब देखना होगा जांच के बाद आगे और क्या कार्रवाई होती है।
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