हर्षराज गुप्ता, खरगोन। मध्य प्रदेश में सरकार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने का प्रयास कर रही है। लेकिन वहां पर मौजूद डॉक्टर एवं कर्मचारी अपने हठधर्मिता से पीछे नहीं हटते हैं। एक ऐसा ही मामला खरगोन जिले के सनावद से सामने आया है। जहां अस्पताल में शख्स की मौत के बाद वहां मौजूद डॉक्टर ने शव का पीएम करने से मना कर दिया और परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए दूसरे अस्पताल जाने के लिए कह दिया। जिसके बाद पीड़ित परिवार शव को लेकर 10 घंटे तक इधर-उधर भटकता रहा। 

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मिली जानकारी के अनुसार खंडवा जिले के धनगांव थाना के ग्राम परेटी  के दीपक पिता खूबचंद की दवाई छिड़कने के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद परिजन उसे सनावद अस्पताल लेकर आये। जहां उपचार के कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। लेकिन यहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर राहुल आटोदे ने शव का पोस्टमार्टम करने के बजाए शव को परिवार सहित मांधाता सिविल अस्पताल लेकर जाने का बोल दिया। 

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पीड़ित परिवार शव को लेकर सुबह 6 बजे मांधाता गया। लेकिन वहां से सनावद में ही पीएम होने का हवाला देकर रवाना कर दिया। परिजन शव को इधर-उधर लेकर भटकते रहे। परिजन पुलिस के पास पहुंचे, जहां मांधाता टीआई बलदेवसिंह बिसेन ने धनगांव टीआई विजय वर्मा से फोन पर चर्चा कर पीड़ित परिवार की मदद की बात कही। वहीं सनावद सिविल अस्पताल के डॉक्टर विजय कोरी धनगांव थाने के एसआई रमेश गोयल व एसआई चंपालाल सोलंकी ने परिजनों से चर्चा की और पीएम के लिए राजी हुए। जिसके बाद मृतक का पीएम सिविल अस्पताल में डॉ इम्तियाज कुरैशी ने किया। वहीं अब मृतक के अस्पताल में हुई लापरवाही को लेकर दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है।   

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