मनीष मारू, आगर मालवा। मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। भ्रष्ट कर्मचारियों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। ताजा मामला आगर मालवा जिले से सामने आया है। कानड़ थाने पर पदस्थ प्रधान आरक्षक दुर्गप्रसाद वर्मा को दो हजार रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने की है।

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दरअसल, सूतड़ा निवासी आवेदक सिद्दूलाल की शिकायत पर उज्जैन लोकायुक्त ने यह कार्रवाई की है। आवेदक सिद्दूलाल का गांव में किसी के साथ विवाद हुआ था। मामला थाना पहुंचा तो प्रधान आरक्षक दुर्गप्रसाद वर्मा ने उस पर कार्रवाई नहीं करने और दूसरे पक्ष पर कार्रवाई करने के लिए सिद्दूलाल से 10 हजार की रिश्वत मांगी गई थी। बाद में मामला साढ़े सात हजार में तय हुआ।

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फरियादी ने बताया कि वह प्रधान आरक्षक दुर्ग प्रसाद वर्मा को पहले ही साढ़े पांच हजार से चुका था। बाकी के दो हजार के लिए हेड कॉस्टेबल दबाव बना रहा था। लेकिन उसने इसकी शिकायत लोकायुक्त से कर दी। वहीं आज लोकायुक्त की टीम ने दूसरी किश्त के रुप में दो हजार रुपए लेते हुए प्रधान आरक्षक दुर्ग प्रसाद वर्मा को रंगे हाथ पकड़ लिया है। इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। फिलहाल लोकायुक्त की टीम आगे की कार्रवाई कर रही है।

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