शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की डॉ मोहन सरकार ने एक बार फिर कर्जा लिया है। एमपी गवर्नमेंट ने 5 हजार करोड़ रुपए का लोन लिया है। 16, 20 और 21 साल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से ऋण लिया है। प्रदेश सरकार के खाते में लोन की यह रकम 27 मार्च को ट्रांसफर होगी। आपको बता दें कि साल 2023 से 24 वित्तीय वर्ष में जनवरी से लेकर मार्च तक पांचवीं बार सरकार ने कर्ज लिया है।

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प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 13 दिसंबर को शपथ ली थी। इसके बाद सरकार ने पहला कर्ज 20 दिसंबर को 2 हजार करोड़ का 16 साल के लिए लिया था। फिर 2 फरवरी को 4500 करोड़ का कर्ज लिया गया। इसके बाद 17 फरवरी को सरकार ने 5 हजार करोड़ का लोन लेने के लिए बॉन्ड गिरवी कर दिया। इस लिहाज से 67 दिनों के अंदर सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से 12 हजार 500 करोड़ का कर्ज लिया। एनालिसिस के मुताबिक सरकार ने हर दिन योजनाओं को गति देने के लिए 186 करोड़ का बाजार से लोन लिया।

अनुपूरक में 30 हजार करोड़ का प्रावधान, बहनों पर सबसे ज्यादा खर्च

पिछले दिनों राज्य सरकार ने 30265 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। इसमें मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए 1648 करोड़ रुपये, विद्युत वितरण कंपनियों के लिए उदय योजना में अंशपूंजी के लिए 13365 करोड़ और ब्याज अदायगी के लिए 1200 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

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अन्य विभागों की अपेक्षा के लिए महिला बाल विकास में सबसे ज्यादा सरकार ने बजट का प्रावधान रखा है। इसके पीछे की वजह है कि सरकार ने लाडली बहना योजना को लागू किया है। बहनों पर ही सबसे ज्यादा सरकार पर भार आ रहा है।

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