मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के धनेला पंचायत में सहरिया आदिवासियों के मकान तोड़े जाने के विरोध में दिए जा रहे धरने को लेकर एकता परिषद के समन्वयक ने दावा किया है। उन्होंने कहा कि धरना समाप्त हो गया है और प्रशासन ने सभी मांगे मान ली है!

एकता परिषद के जिला समन्वयक उदयभान सिंह ने बताया कि धरना दे रहे सहरिया आदिवासियों को समझाया गया कि प्रशासन ने आपकी सभी बातें मान ली हैं। अब धरना समाप्त किया जाए, जिस पर से वह धरने से उठ गए हैं! आदिवासियों की मांग है की फॉरेस्ट अधिकारी कर्मचारियों पर मारपीट का मामला दर्ज किया जाए और जो सामान क्षतिग्रस्त हुआ है, उसकी भरपाई की जाए! उन्होंने कहा कि एकता परिषद भी वहां पर उनके लिए आटा, दाल और बर्तन उपलब्ध कराएगी।

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इधर एडीएम सीबी प्रसाद ने बताया कि आदिवासियों के घर तोड़े जाने के बाद उन्हें आश्रम में शिफ्ट किया था, लेकिन वहां से वापस उसी जगह पर क्यों आ गए समझ नहीं आया। सभी परिवारों को आवासीय पट्टे दिए जाने की कार्रवाई की जा रही है और शीघ्र ही दे दिए जाएंगे। वहीं उनके खाने-पीने की व्यवस्था के साथ त्रिपाल दी गई हैं, जिससे वह अपने रहने के लिए टेंट बना सकते हैं।

ये हैं मामला

आपको बता दें कि बीते शनिवार को वन विभाग के अधिकारियों ने करहधाम के जंगल मे बुलडोजर चलाकर आदिवासी परिवारों के करीब 150 कच्चे-पक्के मकानों को तोड़ दिया। आदिवासियों का आरोप है कि जब उन्होंने मकान तोड़ने का विरोध किया तो विभाग की टीम ने महिला और बच्चों से मारपीट कर गाली गलौज किया।

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आदिवासियों ने बताया कि लगभग डेढ़ सौ परिवार पिछले 70 सालों से गांव में कच्चे-पक्के मकान बनाकर रह रहे हैं। उनके पास वोटर कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण, पत्र जन्म प्रमाण पत्र सब कुछ है। इसके बाद भी वन विभाग की टीम ने आकर जेसीबी मशीन से उनके मकानों को ध्वस्त कर दिया। जिससे अब उनके सिर से छत छीन गई है और वे बेघर हो गए हैं।

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