मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना (Morena) में स्थित लेपा गांव में हुए हत्याकांड के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने दोनों का उसेद घाट चंबल किनारे बीहड़ में शॉट एनकाउंटर किया, जिसमें मुख्य आरोपी अजीत तोमर के पैर में गोली लगने से घायल हुआ है। वहीं भूपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों पर 30-30 हजार का इनाम घोषित था।
जानकारी के मुताबिक, लेपा कांड के दोनों मुख्य आरोपी महुआ थाना इलाके की उसेद घाट के पास मूवमेंट बताया गया। जिसके बाद पुलिस की टीम ने इन दोनों को चारों तरफ से घेर लिया। इस दौरान दोनों आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग करना शुरू कर दिया। इसके जवाब में पुलिस ने आत्म रक्षार्थ फायरिंग किया। जिसमें से मुख्य आरोपी अजीत सिंह के पैर पर गोली लगी है, जिससे वह घायल हो गया। इसके बाद महुआ थाना पुलिस इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अंबाह चिकित्सालय ले गई। जहां प्राथमिक चिकित्सा के बाद दोनों को मुरैना भेजा गया।
बता दें कि सिंहोनिया थाना अंतर्गत लेपा गांव में पिछले 5 मई को पुरानी रंजिश के चलते गोली मारकर 6 लोगों की हत्या की गई थी। घटना के बाद सभी आरोपी फरार हो गए थे। एफआईआर में कुल 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिनमें रज्जो और धीर सिंह नाम के दो आरोपी को पुलिस ने घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। वहीं वीडियो के आधार पर रविवार को दिमनी थाना क्षेत्र से पुष्पा नाम की महिला आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
पुलिस ने लोकेशन ट्रेस करके राजस्थान के सीकर जिले से 30 हजार रुपये के फरार चल रहे आरोपी सोनू तोमर को भी गिरफ्तार कर लिया है। जिसे रिमाइंड पर लेकर पुलिस घटना से जुड़ी हर एक पहलू से लेकर अन्य आरोपियों की भी पूछताछ कर रही है। मुरैना और भिंड जिले की पुलिस बाकी फरार चल रहे आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुरानी रंजिश से जुड़ा है मामला
दरअसल, साल 2013 में लेपा गांव में रहने वाले धीर सिंह और गजेंद्र सिंह के परिवार के बीच एक स्थान पर गोबर डालने को लेकर विवाद हो गया था, जो कि इतना बढ़ गया कि धीर सिंह के परिवार के सोबरन और वीरभान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद गजेंद्र अपने बेटे वीरेंद्र समेत पूरे परिवार के साथ गांव छोड़कर चला गया था और अहमदाबाद में रहने लगा था।
पुलिस ने इस मामले के आरोपी वीरेंद्र को गिरफ्तार भी कर लिया था, मामला कोर्ट में चला। वीरेंद्र ने 18 महीने जेल में सजा काटी और फिर रिहा हो गया। गजेंद्र ने धीर सिंह के परिवार से समझौते की पेशकश की, इसके बाद दोनों पक्षों के बीच सुलह भी हो गई थी। लेकिन 8 मई को जब गजेंद्र सिंह का परिवार गांव में रहने वापस आया तो उन्हे गोली मार दी गई।
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