मनोज उपाध्याय, मुरैना। एक ओर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार विकास की गंगा बहाने की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी कई गांव आज भी ऐसे हैं, जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं है। ग्रामीणों को बिजली, सड़क, पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। ऐसा ही हाल मुरैना जिले के देवरा गांव का है। यहां ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए आज भी दर-दर भटकना पड़ता है।

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मुरैना जिले के कैलारस थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाला देवरा गांव पानी के संकट से जूझ रहा है। यहां स्थाई तौर पर नियमित पानी का संकट बना हुआ है और ग्रामीणों को पानी के लिए कई किलोमीटर जाना पड़ता है। जिससे डबल इंजन सरकार की ‘हर घर नल योजना’ के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

यहां पीने का पानी जुटाना औरतों और बच्चों के लिए रोज का संघर्ष है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके लिए पानी का संघर्ष कोई नई कहानी नहीं, सालो पुरानी है। पानी के लिए उन्हें कई किलोमीटर जाना पड़ता है। गर्मी के दिनों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। तब पीने का पानी नसीब होता है। अब सवाल यह उठता है कि यहां कब ग्रामीणों को पानी मिलेगा।

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