कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। ग्वालियर नगर निगम में महापौर पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित होने के बाद टिकट के लिए कशमकश शुरू हो गई है. कांग्रेस में विधायक, पूर्व मंत्री, जिला अध्यक्ष अपनी श्रीमतियों के लिए टिकट की मांग रहे हैं, भाजपा सुप्रीमों जेपी नड्डा ने परिवार में टिकट देने की मनाही कर दी है. बावजूद इसके BJP में भी कई बड़े नेता अंदरूनी तौर अपनी धर्मपत्नियों, पुत्र वधुओं के लिए टिकट का जुगाड़ जमाने की कवायद कर रहे हैं.

पिछले 50 साल से ग्वालियर नगर निगम पर कब्जा करने का सपना देख रही कांग्रेस इस बार दमदारी से मैंदान में उतरने का दावा कर रही है, लेकिन पार्टी में मेयर पद के टिकिट पर भारी कशमकश चल रही है. चुनाव लड़ने के लिए कर्मठ कार्यकर्ता टिकट की चाहत रखते हैं लेकिन कांग्रेस में तो विधायक, पूर्व मंत्री जिला अध्यक्ष जैसे दिग्गज कह रहे हैं हमारी श्रीमतियों को टिकट दीजिए. आइए आपको बताते हैं कांग्रेस में कौन कौन अपनी श्रीमतियों के लिए टिकट मांग रहे हैं.

कांग्रेस में पत्नियों के टिकट के लिए जोर लगाने वाले नेताओं पर नज़र डालें तो

कांग्रेस के विधायक सतीश सिकरवार अपनी पत्नी शोभा सिकरवार का टिकिट पक्का मानकर चल रहे हैं. शोभा नगर निगम में 3 बार पार्षद रही हैं. उनका अच्छा खासा अनुभव है.

कांग्रेस जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा अपनी पत्नी रीमा शर्मा के लिए टिकट के जुगाड़ में लगे है. देवेंद्र शर्मा का कहना है कि उनकी पत्नी रीमा पहले पार्षद रह चुकी है. लिहाज़ा उनको निगम परिषद का अनुभव भी है. शर्मा का मानना है कि नेताओं की पत्नियों में नेतृत्व क्षमता है, लिहाजा श्रीमति के लिए टिकट मांग रहे हैं.

इनके अलावा कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक अपनी पत्नी के लिए टिकट का गणित जमा रहे. तो वहीं प्रधुम्न के सामने विधायक का चुनाव हारने वाले कांग्रेस नेता सुनील शर्मा भी अपनी पत्नी के लिए दावेदारी कर रहे हैं. चर्चा ये भी है कि पूर्वमंत्री बालेंदु शुक्ला भी अपनी पत्नी की दावेदारी में लगे हुए है.

BJP में पत्नियों के टिकट के लिए जोर लगाने वाले नेताओं पर नज़र डालें तो

ऐसा नहीं है कि सिर्फ कांग्रेसी ही अपनी धर्मपत्नियों को टिकट दिलाने की मांग कर रहे हैं. BJP में भी कई नेता अपनी श्रीमतियों के लिए टिकट की चाहत रखते हैं. हालांकि BJP सुप्रीमों JP नड्डा टिकट में परिवारवाद को तवज्जों देने से साफ मना कर चुके हैं, फिर भी BJP के कई नेता श्रीमतियों के टिकट की तिकड़म भिड़ा रहे हैं. पूर्व मंत्री धयनेंद्र सिंह अपनी पत्नी पूर्वमंत्री माया सिंह के लिए टिकट का गणित जमा रहे हैं.

पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा अपनी पत्नी के लिए अंदरूनी तौर पर बिसात बिछा रहे हैं, सांसद विवेक शेजवलकर, बीज निगम के अध्यक्ष मुन्ना लाल गोयल भी अपनी श्रीमति के लिए महापौर के टिकिट के लिए अंदरखाने में लॉबिंग कर रहे हैं. BJP का कहना है कि टिकट कार्यकर्ता को ही मिलेगा, लेकिन जीतने वाली कार्यकर्ता किसी नेता की पत्नी है तो टिकिट दिया जा सकता है.

कांग्रेस को BJP से जंग लड़ने से पहले अपने अंदरखाने में लड़ाई लड़ना पड़ेगी, ये लड़ाई टिकिट की लड़ाई होगी. पूर्व मंत्री, विधायक, जिला अध्यक्ष के बीच जो अपनी श्रीमतियों के टिकट की तिकड़म बैठा रहे हैं.

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