पीताम्बर जोशी, नर्मदापुरम। एमपी के नर्मदापुरम जिले (Narmadapuram) में बिल्डरों की दबंगता के चलते नगर पालिका में जमा होने वाले कॉलोनियों का आश्रय शुल्क, कॉलोनी अनुज्ञा शुल्क सहित अन्य शुल्क नहीं जमा करने का मामला सामने आया है। जिसके बाद आनन-फानन में शहर के करीब 1 दर्जन से अधिक कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी किया है। नगरपालिका को साल 2003 से इन कॉलोनाइजरों से शुल्क के रूप में करीब पांच करोड़ से अधिक की बकाया राशि वसूलना है।
दरअसल, नर्मदापुरम में अवैध कॉलोनियों को लेकर नोटिफिकेशन जारी होने के बाद नपा और प्रशासन ने कार्रवाई तेज की है। नपा के कार्यपालन यंत्री आरसी शुक्ला ने बताया कि करीब एक दर्जन बिल्डरों से कॉलोनी के आश्रय शुल्क (Shelter Fee), अति आश्रय शुल्क (Over Shelter Fee), विकास कार्य सुपरविजन 2 प्रतिशत (Development Work Supervision), कर्मकार मंडल का 1 प्रतिशत, कॉलोनी अनुज्ञा शुल्क (Colony License Fee) जमा करने के लिए नोटिस (Notice) जारी किए हैं।
नपा के कार्यपालन यंत्री के मुताबिक शहर की प्राचीर इंफ्रास्ट्रक्चर से करीब 17 लाख, दीपम सिटी से 20 लाख, डिवाइन सिटी से 24 लाख, ग्लोबल सिटी से करीब 2 करोड़ रुपये, रेवा सिटी से 16 लाख, मात्र प्रकाश बिल्डर से 12 लाख, रेवा ब्लू कंस्ट्रक्शन से 26 लाख, गोकुलधाम से 24 लाख, पंचवटी परिसर से 6 लाख, आरती बालाजी से 26 लाख रुपये, विनायक डेवलपर्स के 5 लाख रुपये, मनीषा श्रोती पर करीब 2 लाख रुपये शुल्क बकाया है।
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