इंद्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश में 5 फरवरी ने बोर्ड परीक्षा शुरू हाेने वाली है. इसके पहले नर्मदापुरम जिले के एक स्कूल से अनोखा मामला सामने आया है. जहां 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा देने के लिए स्कूल में 17 छात्र- छात्राओं ने प्राइवेट फॉर्म और फीस भरा था. जिनके फॉर्म और फीस के पैसे को लेकर स्कूल में पदस्थ चपरासी लेकर फरार हो गया. जब स्टूडेंट्स एडमिट कार्ड लेने पहुंचे तो मामले का खुलासा हुआ.

दरअसल, यह मामला बानापुरा के शासकीय नेहरू माध्यमिक विद्यालय का है. जहां 17 स्टूडेंट्स ने प्राइवेट फॉर्म और फीस भरा था. जब स्टूडेंट्स अपना प्रवेश पत्र लेने के लिए स्कूल पहुंचे तो स्कूल प्रबंधन ने बताया कि आपका फॉर्म रिजेक्ट हो गया है. स्टूडेंट्स ने रिजेक्ट होने का कारण पता किया तो पता चला की उनकी फीस ही जमा नहीं हुई है. स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्होंने बोर्ड परीक्षा का स्वाध्यायी (प्राइवेट) फॉर्म भरकर फॉर्म और फीस स्कूल के चपरासी गोविंद केवट को थी. गोविंद ने फॉर्म नहीं भरा और फीस के पैसे लेकर वह फरार हो गया.

इसके बाद स्टूडेंट्स के परिजनों ने सिवनी मालवा थाने में मामले की लिखित शिकायत दर्ज कराई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि ये सब सिर्फ चपरासी अकेले नहीं कर सकता, बल्कि स्कूल प्रबंधन की भी इसमें मिलीभगत है. जिला शिक्षा अधिकारी एसपी सिंह बिसेन को मामले की जानकारी मिलते ही चपरासी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर स्कूल प्रबंधन को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए निर्देशित किया है.

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