रायपुर। राज्यसभा सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम ने स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है. उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धक्का लगाने का आरोप लगाते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की है.

सांसद नेताम ने अपने पत्र में जांजगीर-चाँपा ज़िला मुख्यालय में नौकरी से निकाले जाने के बाद आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा किए गए खुलासे का जिक्र किया है. इसमें उन्होंने कर्मचारियों के हवाले से बताया कि कोरोना पॉज़ीटिव मरीजों को नेगेटिव दर्ज करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी दबाव बनाते थे. इसके लिए राज्य स्तर से दबाव बनाया जा रहा था. उन्होंने आंदोलित स्वास्थ्यकर्मियों के आरोप पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो गया है.

इसके साथ ही नेताम ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार कोरोना मृत्यु प्रमाण पत्र देने में भी हीलाहवाला कर रही है. इसके कारण कोरोना मृतकों के परिजन शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं. महासमुंद ज़िले के पिथौरा नगर पंचायत निवासी टेकू साहू की भाभी की मौत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मौत के बाद भी उसकी ऑनलाइन एंट्री नहीं की गई. इसकी वजह से अब मृतका के बच्चों को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम शाला में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है. स्थिति यह है कि मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए युवक कांग्रेस के जिला एवं प्रदेश के पदाधिकारियों को आंदोलन और पिथौरा अस्पताल में धरना-प्रदर्शन करना पड़ा.

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सांसद ने पत्र में बताया कि छत्तीसगढ़ में एकाएक कोरोना संक्रमण की दर बढ़ती जा रही है. 31 जुलाई को जहाँ प्रदेश में संक्रमण की दर 0.2 प्रतिशत थी, वहीं 01 अगस्त को यह दर बढ़कर 0.9 प्रतिशत पर पहुंच गई. दुर्ग में 70 और रायपुर में 39 संक्रमितों के साथ ही प्रदेशभर में रविवार को 241 मरीज पाए गए हैं. इस बीच प्रदेश सरकार ने विद्यालयों में पढ़ाई शुरू करने का फ़रमान जारी कर दिया है. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार अपने स्तर पर इन बातों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है.

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