हरिश्चंद्र शर्मा, ओंकारेश्वर। मध्यप्रदेश के पूर्वी भाग अमरकांत, मंडला, डिंडोरी, जबलपुर, नर्मदापुरम, हरदा में
लगातार हो रही मूसलधार बारिश का असर अब नर्मदा नदी के जलस्तर पर साफ दिखने लगा है। तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में मां नर्मदा उफान पर हैं और ओंकारेश्वर बांध परियोजना से लगातार जल निकासी की जा रही है।

पहले जहां 10 गेटों से 4102 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है वहीं स्थिति को देखते हुए गेटों की संख्या और भी अधिक की जा सकती है। 4102 क्यूमेक्स पानी नर्मदा में छोड़ा जा रहा है। जल निकासी बढ़ने से नदी का जलस्तर तेजी से ऊपर जा रहा है।

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नौका संचालन पर रोक

सुरक्षा की दृष्टि से खंडवा जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से नौका संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों को घाटों के पास न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जैसे ही बारिश थमेगी और जलस्तर सामान्य होगा, तभी नौका विहार की अनुमति दी जाएगी। ओंकारेश्वर बांध प्रबंधन ने जल निकासी की जानकारी प्रशासन को दे दी है। साथ ही निचले क्षेत्रों महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के जिलों (धामनोद, बड़वानी, अलीराजपुर, महेश्वर, सनावद, बड़वाह) को अलर्ट कर दिया गया है।

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श्रद्धालुओं और नाविकों से घाटों से दूर रहने की अपील

एसडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस बल को नर्मदा किनारे तैनात कर दिया गया है ताकि कोई भी व्यक्ति लापरवाहीवश नदी के किनारे न पहुंचे। प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। नर्मदा किनारे चल रहे धार्मिक आयोजनों और यात्राओं पर भी प्रभाव पड़ा है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने और नाविकों से घाटों से दूर रहने की अपील की है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है लेकिन लगातार बारिश को देखते हुए संभावना है कि यदि जलस्तर और बढ़ता है तो और गेट खोले जा सकते हैं।

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