शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जीआईएस (GIS) के अब मात्र 13 दिन शेष है। सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि जीआईएस प्रदेश के स्टार्ट-अप को नई उड़ान देगा। मध्यप्रदेश तेजी से मजबूत स्टार्ट-अप हब के रूप में उभर रहा है। नवाचार, उद्यमिता और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जाएगी। युवा उद्यमियों के अनुकूल स्टार्ट-अप कल्चर को विकसित करने की दिशा में यह प्रभावी रणनीति है।

अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी और नवाचारों का ज्ञान मिलेगा

मध्यप्रदेश को “स्टार्ट-अप और नवाचार का केंद्र” बनाने का प्रयास किया जा रहा है। 24 और 25 फरवरी को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कई मायनों में खास होगी। समिट में कई देशों के उद्यमी, निवेशक शामिल होंगे। इससे युवा उद्यमियों को अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी और नवाचारों का ज्ञान मिलेगा। नई स्टार्ट अप नीति के अनुसार स्टार्ट-अप्स को कुल निवेश का 18 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता दी जाती। सरकार स्टार्ट-अप्स को अनिवार्य लाइसेंस, परमिट शुल्क से छूट प्रदान कर रही है। दो वर्षों तक सरकारी खरीद में प्राथमिकता दे रही है।

कपड़ा उद्योग को नया आयाम देगा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा मध्यप्रदेश में ग्लोबल टेक्सटाइल उद्योग के विस्तार की अपार संभावनाएं है।मप्रदेश टेक्सटाइल और परिधान उद्योग के क्षेत्र में अपार संभावनाओं वाला राज्य बन चुका है। कच्चे माल के उत्पादन से लेकर परिधान निर्माण, वैश्विक निर्यात किया जाएगा। मध्यप्रदेश भारत के 43% और वैश्विक स्तर पर 24% ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादन में योगदान देता है। प्रदेश कपास उत्पादन में अग्रणी है। रेशम उद्योग का भी लगातार विस्तारित हो रहा है। राज्य प्रतिवर्ष 200 टन से अधिक रेशम उत्पादन करता है। पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क प्रदेश के कपड़ा उद्योग को नया आयाम देगा। धार में 2,100 एकड़ में फैले पार्क में टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योगों के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा।

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