सागर. सरकार द्वारा शादी के लिए युवक और युवतियों की उम्र निर्धारित की गई है और बाल विवाह रोकने कानून भी बनाया गया है. सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह रोकने अभियान भी चलाया जाता है. वहीं शादी का सीजन शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नाबालिगों की शादी शुरू हो गई है. सरकार द्वारा जागरूकता के प्रयास के बाद भी बुंदेलखंड क्षेत्र में ऐसी शादियां रुकने का नाम नहीं ले रही है. कोरोना संक्रमण काल में जब कर्फ्यू के कारण सामान्य शादियों पर भी कई तरह की बंदिशे लगी हुई है, तब सागर जिले में नाबालिगों की शादी और बालविवाह रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. आज जिले के एक गांव में 20 साल के लड़के और 16 साल की नाबालिग की शादी की तैयारी की सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम सक्रिय हुई और टीम ने मौके पर पंहुचकर शादी की तैयारी को रूकवा दिया और इस मामले में दोनों पक्षों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. जिले में पिछले चार दिनों में 9 नाबालिग और बालविवाह के मामले सामने आए हैं. जिसमें विशेष पुलिस इकाई द्वारा कार्रवाई कर ऐसी शादियां रुकवाई गई है.
सागर के मोती नगर थाना अंतर्गत नाबालिग की शादी और बाल विवाह को रोका गया
विशेष किशोर पुलिस इकाई से मिली सूचना के अनुसार बांदरी थाना के ग्राम मोटी देवरी, सागर के बाघराज वार्ड और सूबेदार वार्ड के अलावा गौरझामर थाना, बहरोल थाना और सागर के मोती नगर थाना अंतर्गत नाबालिग की शादी और बाल विवाह को रोका गया है.
सरकार ने शादी के लिए निश्चित उम्र तय की है
किशोर इकाई की प्रभारी ज्योति तिवारी ने नागरिकों से शादी की उम्र पूरी होने पर ही विवाह करने की अपील की है. नाबालिगों की शादी करने से कई तरह की शारीरिक परेशानियां आती है. कम उम्र में गर्भ धारण करने से बच्चे का शारीरिक और मानसिक ठीक नहीं हो पाता है. इसलिए सरकार ने शादी के लिए निश्चित उम्र तय की है. इसके बाद भी आदिवासी अंचलों में लोग बाल विवाह विवाह कर देते हैं.