कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। संघ प्रमुख मोहन भागवत के मुस्लमानों पर दिए गए बयान पर सूबे की सियासत गर्मा गई है. जहां संघ प्रमुख और बीजेपी पर कांग्रेस और अन्य राजनीतिज्ञ दल हमलावर हो गए हैं. वहीं दिग्विजय सिंह और असुदद्दीन ओवैसी के बयान पर बीजेपी नेता एवं पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने पलटवार किया है. पवैया ने कहा, ओवैसी और दिग्विजय सिंह जैसे लोगों को हम जैसे राष्ट्रवादी लोगों को जगाने के लिए भगवान ने धरती पर भेजा है. इसलिए ऐसे लोग बोलते रहे और राष्ट्रवादी लोग जागते रहे.
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पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा, जो लोग स्वार्थ की राजनीति करते हैं, उन लोगों पर ज्यादा टीका टिप्पणी करना ठीक नहीं होता है. इससे ज्यादा इनके बयानों का कोई मायने नहीं निकलता है. उन्होंने कहा कि पूजा पद्धति के आधार पर हिंदुस्तान में भेद करना चरित्रमयी नहीं माना जा सकता. हकीकत तो यह है कि सरसंघचालक मोहन भागवत का बयान पूरे देश को प्रेम के आगोश में एक कर देने वाला बयान है. जो भी राष्ट्रवादी हैं उन्हें तो बेहद खुशी होना चाहिए, क्योंकि यह भारत का वातावरण बदल देने वाला बयान है.
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पार्टियां सेक रही राजनीतिक रोटियां
बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया ने यह भी कहा, भ्रांति और भ्रम फैलाकर एक बड़े तबके को अपनी वोट बैंक मान लेना उसकी जलती हुई भट्टी पर अपनी राजनीतिक रोटी सेकना. ऐसा जिन लोगों का धंधा रहा है, उन पर जरूर करारी चोट हुई है. इसलिए उनकी पीड़ा समझ में आ रही है.
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संघ में नहीं कट्टरता शब्द नहीं: पवैया
पवैया ने अपने बयान में इस बात को स्पष्ट किया कि संघ में कट्टरता जैसे शब्द की कोई जगह नहीं है. संघ का एक मूल संदेश यह है कि हम सब हिंदुस्तानी हैं. जो लोग इस देश के महापुरुषों को अपना आदर्श मानते हैं, इस देश की माटी को अपने माथे पर लगाते हैं. उन्होंने कहा, वह सब एक मां के बेटे हैं. सब एक ही रक्त परंपरा के हैं. संघ इस विचार के साथ पूरे देश को एक रखना चाहता है. जो इसे समझते हैं, वह जानते हैं. जो इसे नहीं समझते वह अपनी पीड़ा और दर्द को बयानों के माध्यम से जाहिर करते रहते हैं.
दिग्विजय सिंह ने कही थी ये बात
दरअसल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदीशाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?
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ओवैसी ने की भागवत के बयान की आलोचना
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी मोहन भागवत के बयान की आलोचना की. उन्होंने कहा मैं उनसे (मोहन भागवत) पूछना चाहता हूं कि क्या वे स्वीकार कर चुके हैं कि आरएसएस और हिंदुत्व की विचारधारा के कारण बहुसंख्यक समुदाय का कट्टरपंथीकरण किया गया है? क्या आरएसएस और हिंदुत्व की विचारधारा कट्टरता के लिए जिम्मेदार नहीं है? ओवैसी ने कहा कि हिंदुत्व एकता की बात नहीं करता। भारत का संविधान एकता की बात करता है, इसमें समावेश है। हिंदुत्व एक विशेष विचारधारा है, जिसका पालन आरएसएस और मोहन भागवत कर रहे हैं। इसमें एकता कैसे हो सकती है?
हिंदू और मुसलमान दोनों का DNA एक: भागवत
आपको बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रविवार को कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है, क्योंकि वे अलग-अलग नहीं, बल्कि एक हैं. पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता.
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