रवि रायकवार, दतिया। प्रसिद्ध पीतांबरा शक्ति पीठ मंदिर पर साधकों की शाक्त दीक्षा लगातार विवादों के घेरे में है। पूर्व में भी चयन समिति में देखने को मिला था विरोध के बाद सुधार कर सभी साधकों को समय पत्र दिए गए थे। साक्षात्कार भी लिया गया था। संस्कृत विद्यालय में भीषण गर्मी में संस्कृत का अध्ययन कराया गया था। लगभग 104 वरिष्ठ साधकों को शाक्त दीक्षा करने की बात कही गई थी।

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वर्तमान में सिर्फ 19 लोगों की दीक्षा सूची तैयार कर चस्पा की गई जो कि पूर्व में विवादित एवं मनमाने ढंग से बनाई गई है। पीठ से जुड़े आचार्य के रिश्तेदार एवं उनका व्यवसाय संभालने वाले निजी लोगों का नाम चयन सूची में शामिल है, जिसका कोई मापदंड नहीं है। शाक्त दीक्षा सूची का पीठ से जुड़े साधकों ने विरोध किया है एवं मन्दिर प्रबंधक से सूची में 104 साधकों के नाम जोड़ने की भी बात कही है। साधकों का कहना है कि अगर सूची में नाम नहीं जोड़ा गया तो हम लोग आगे भी प्रदर्शन करेंगे। साधकों का कहना है कि लॉटरी चयन के माध्यम से भी शाक्त दीक्षा की सूची बनाई जा सकती है लेकिन प्रबंधक इस मामले में रुचि नहीं ले रहे है। मंदिर प्रबंधक महेश दुबे प्रंबधक का कहना है कि हम इस मामले को समिति में रखेंगे जो भी निर्णय होगा वो सर्वमान्य होगा।

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