हेमंत शर्मा, इंदौर। देश में जहां लोग अपने और अपनों को बचाने के जद्दोजहद में लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इस महामारी जैसे आपदा को अवसर के रूप में बदलने में जुटे हैं. इसका एक जीता- जागता उदाहरण सोमवार को मध्यप्रदेश के इंदौर में वायरल हो रहे ऑडियो टेप में सुनने को मिला. इस ऑडियो टेप में एक व्यक्ति किसी मरीज के परिजन से शहर के सुपर स्पेशलिटी सेंटर में मरीज को बेड दिलवाने के नाम पर 60 हजार रूपए मांग रहा है.

दरअसल इंदौर के सुपर स्पेशलिटी सेंटर में एक कोरोना पीड़ित मरीज को एडिमिट करवाने के नाम पर एक व्यक्ति परिजन से 60 हजार रूपए की डिमांड कर रहा है. जिसका ऑडियो टेप तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें पैसे लेने वाला दलाल यह कहते हुए सुनाई पड़ रहा है कि सारी व्यवस्थाएं हो जाएंगी, लेकिन रिस्क आपका रहेगा. इस टेप में पैसे मांगने वाला दलाल कह रहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन, बेड और इंजेक्शन सारी चीजों की व्यवस्था हो जाएगी. वायरल हो रहे ऑडियो टेप में मरीज के परिजन से कहा जा रहा है कि आपके पास 15 से 20 मिनट का समय है. आप पैसे की व्यवस्था कर लीजिए. क्योंकि वहां लाइन लगी है, लोग वेटिंग में बैठे हुए हैं.

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प्रदेश में निजी के साथ शासकीय स्वास्थ्य सेवाओं में भी लूट- खसूट का दौर लगातार जारी है. यहां निजी अस्पताल कोरोना संक्रमण के नाम पर जमकर पैसा तो वसूल ही रही हैं, साथ ही शासकीय अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवाओं को मुहैया करवाने या फिर भर्ती कराने के लिए दलाल सक्रिय हो गए हैं. जहां दलाल, बेबस मरीज के परिजनों से मौके का फायदा उठाकर मन माना पैसा ऐठ रहे हैं.

हालांकि प्रदेश में अस्पताल में एडमिट कराने से लेकर ऑक्सीजन, रेमडेसिवीर इंजेक्शन तक के लिए शहर में कालाबाजारी जारी है. पुलिस की कार्रवाई में कई आरोपी गिरफ्तार भी हो चुके हैं. इस कालाबाजारी में कोई और नहीं बल्कि अस्पतालकर्मी भी संलिप्त हैं.

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इंदौर में कालाबाजारी के तीन मामले
इंदौर शहर में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के 3 मामले सामने आए थे. पहला मामला राजेन्द्र नगर थाने का है जहां एक युवक को 22 हजार में इंजेक्शन बेचते पकड़ा. दूसरा मामला भी राजेन्द्र नगर क्षेत्र का है, जहां एक निजी हॉस्पिटल की नर्स सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया था. तीसरा मामला कनाडिया थाने का है जहां एक निजी हॉस्पिटल के लैब टेक्नीशियन को इंजेक्शन की कालाबाजारी करते सोमवार को गिरफ्तार किया गया. हालांकि रेमडेसिविर इंजेक्शन का कालाबाजारी करने वाले 2 युवकों के खिलाफ प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की है. प्रदेश का यह पहला मामला है जिसमें कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ रासुका जैसी कार्रवाई की गई है.