आज पूरे देश में होली का त्योहार मनाया जा रहा है. बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी आज होली की विशेष पूजा की गई.
लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब बिना भक्तों के महाकाल के मंदिर में होली खेली गई हो. महाकालेश्वर मंदिर में होलिका दहन के बाद ही पंडे और पुजारियों ने महादेव के साथ होली खेल ली. यहां अनादिकाल से परंपरा चली आ रही है कि मंदिर में होली मनाने के बाद ही बाकी शहर और प्रदेश में होली मनाई जाती है.
मंदिर में वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार रविवार को होलिका दहन के अवसर पर बाबा महाकाल को गुलाल लगाया गया. पुजारियों ने भक्ति में लीन होकर अबीर-गुलाल लगाकर महादेव की आरती की. परिसर में मंत्रोच्चारण के बाद होलिका दहन हुआ, हर साल जहां भक्तों से भरे परिसर में होली होती है, वहीं इस बार सांकेतिक होली खेली गई.
महाकाल मंदिर में एक दिन पहले होली का पर्व मनाने की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है. सबसे पहले बाबा महाकाल के आंगन में ही होलिका दहन होता है, फिर शहर भर में होली जलती है. होली के दिन भी पुजारी बाबा महाकाल की भस्मारती करेंगे और उन्हें प्रतीकात्मक रूप में गुलाल अर्पित करेंगे.
बता दें कि उज्जैन में होली के दो दिन पहले दिन में सबसे ज्यादा 64 लोग कोरोना से संक्रमित मिले थे. पिछले 24 घंटों में एक साथ 83 मरीज मिले हैं. लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए उज्जैन कलेक्टर आदेश भी जारी कर दिया है कि होली पर कोई भी महाकाल के दर्शन नहीं कर सकेगा.
Posted by Shree Mahakaleshwar Ujjain on Sunday, 28 March 2021
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