शिखिल ब्यौहार, भोपाल. राजधानी भोपाल से बड़ी खबर सामने आई है. जहां माखनलाल यूनिवर्सिटी में दलित समाज के व्यक्ति को कुलगुरु बनाने की गई है. इस संबंध में NSUI ने सीएम डॉ. मोहन यादव और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखा है.

वहीं, NSUI प्रदेश अध्यक्ष ने यूनिवर्सिटी में दलित विद्यार्थी और शिक्षकों का अपमान करने का आरोप लगाया है. दरअसल, सामाजिक एकता का उदाहरण देने के लिए एनसएयूआई ने दलित कुलगुरु बनाने की मांग की है. NSUI ने पत्र में लिखा- ‘देश में संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे हो गये है। जिसक मनाने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के द्वारा विभिन्न आयोजन प्रस्तावित है. संसद के शीतकालीन सत्र में भी संविधान पर विशोष चर्चा का आयोजन किया गया. इस संविधान के शिल्पकार बाबा साहब अंबेडकर ने सर्व समाज को समानता दिलाने के उ‌द्देश्य से संविधान को गढ़ा था. जिसमें पिछड़े वर्ग के लोगो को आगे लाने के लिए उन्होंने कुछ सुझाव वही दिये थे. जिनमें से एक सुझाव था राजनीतिक और शैक्षणिक क्षेत्र में दलितों एवं पिछड़ों को प्रतिनिधित्व.’

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पत्र में लिखा गया कि ‘महोदय माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल में इतिहास में क्शी भी दलित समाज से कुलगुरू नियुक्त नहीं किया गया है. डॉ. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी के बनाए गए संविधान के अनुसार सभी वर्ग के लोगों को समान प्राथमिकता देना हमारे देश की मूल भावना रही है. हमारी मांग है कि इस बार दलित समाज से आने वाले योग्य व्यक्ति को विश्वविद्यालय का कुलगुरू बनाया जाए. जिससे की हमारे विश्वविद्यालय में भी सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया जा सकें.’

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