शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। राज्य शासन ने नए आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि अब कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेगा। पहले जहां मैदानी पदस्थापना वाले अधिकारियों को केवल अपनी कंट्रोलिंग अथॉरिटी, जैसे मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री या कार्यपालन यंत्री से अनुमति लेनी होती थी, वहीं अब मुख्यालय छोड़ने के लिए प्रमुख सचिव और प्रमुख अभियंता से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

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यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कई अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें थीं कि वे बिना कारण के मुख्यालय से गायब रहते हैं और अक्सर भोपाल या अन्य स्थानों पर चक्कर लगाते देखे जाते हैं। पूर्व में जारी आदेशों के बावजूद ज्यादातर अधिकारी भोपाल में ही डेरा डाले रहते थे, जिससे शासन के कामकाज पर असर पड़ रहा था।

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नए आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अवकाश के बाद भी मुख्यालय छोड़ने से पहले अधिकारियों और कर्मचारियों को सूचना देनी होगी। आदेश में चेतावनी दी गई है कि यदि इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो अनुशासनहीनता के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस सख्ती का मकसद PWD में कार्यकुशलता बढ़ाना और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाना है। अब देखना यह होगा कि यह नया आदेश कितना प्रभावी साबित होता है। 

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