हेमंत शर्मा, इंदौर। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इंदौर नगर निगम चुनावों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तय कर दिया है कि नगर निगम के 85 वार्डों में SC-ST आरक्षण स्थाई रहेगा, जबकि OBC वर्ग का आरक्षण रोटेशन प्रणाली से होगा। यह फैसला हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के उस पुराने आदेश को पलटते हुए आया है, जिसमें तीन साल पहले ST-SC आरक्षण को भी OBC की तरह रोटेशन से लागू करने का निर्देश दिया गया था।

सरकार के पक्ष में सुनाया फैसला

दरअसल, याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि SC-ST आरक्षण को भी OBC की तरह रोटेशन तरीके से लागू किया जाए, ताकि अन्य वर्गों को भी चुनाव लड़ने का मौका मिल सके। उनका तर्क था कि किसी वार्ड में लगातार SC या ST आरक्षण होने से वहां के गैर-आरक्षित वर्गों के लोग चुनावी प्रक्रिया से बाहर हो जाते हैं। लेकिन अब हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। सरकार ने अदालत में यह स्पष्ट किया था कि SC-ST आरक्षण को स्थायी रखना राज्य सरकार का नीतिगत और संवैधानिक अधिकार है।

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फैसला चुनावी समीकरणों पर असर डालेगा

यह फैसला कानून के दायरे में लिया गया है। राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग को स्थायी आरक्षण देने का उद्देश्य प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है, न कि हर बार रोटेशन करना। कोर्ट ने माना कि यह मामला पूरी तरह राज्य सरकार की नीति से जुड़ा है और इसमें हस्तक्षेप की जरूरत नहीं। इसलिए सिंगल बेंच के पुराने आदेश को निरस्त कर दिया गया।

इस फैसले के बाद इंदौर नगर निगम के चुनाव में अब स्पष्ट हो गया कि-SC-ST आरक्षण रहेगा स्थाई और OBC आरक्षण रोटेशन प्रणाली से होगा। यह फैसला चुनावी समीकरणों पर असर डालेगा और कई वार्डों में अब नई रणनीति के साथ पार्टियां मैदान में उतरेंगी।

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