शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के तहत नौकरी पाने वाले युवाओं को कंपनी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिसके बाद बड़ी संख्या में युवा आज भोपाल के दशहरा मैदान स्थित अशोका गार्डन में जुटे। सीखो कमाओ योजना के तहत 1 साल पैड इंटर्नशिप और उसके बाद नौकरी का आश्वासन दिया गया था। लेकिन 1 साल इंटर्नशिप के बाद इन युवाओं को हटाने के आदेश दे दिए गए, जिससे वे नाराज है।

क्या है मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना ?

मध्य प्रदेश में 15 जून 2023 को ‘ मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ की शुरुआत हुई थी।  तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे शुरू किया था। इसके तहत जो लंबे समय से बेरोजगार हैं या जिन्हें कौशल के अभाव में काम नहीं मिल पा रहा है, ऐसे लोगों के लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शुरू की गई थी। जिसमें उन्हें स्किल्ड बनाकर रोजगार दिया जाता है।   

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बता दें कि राज्य शासन द्वारा औपचारिक शिक्षा प्राप्त युवाओं को पंजीकृत औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में “आन द जाब ट्रेनिंग” की सुविधा देने के लिये “मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना” लागू की गई है। इस योजना में एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया था। योजना में 10 हजार 522 युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसमें 21 हजार 660 प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं।

इस योजना के तहत चयनित युवा को प्रशिक्षण के दौरान 8000 से 10000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड प्राप्त होता है। 12वीं पास को 8000 रूपये, आईटीआई पास को 8500 रूपये, डिप्लोमा पास को 9000 रूपये तथा स्नातक एवं उच्च योग्यता धारक को 10000 रूपये प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जा रहा है। 

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