अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है। जिला अस्पताल में पर्याप्त एक्सरे फिल्म होने के बाद भी मरीजों को गुमराह करने वाला रेडियोग्राफर को सस्पेंड कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।

शहडोल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में पिछले कुछ महीने पहले एक्सरे फिल्म की किल्लत होने की खबर सामने आई थी। जब इस मामले को अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन ने गंभीरता से लिया, तब इस बात का खुलासा हुआ कि जिला अस्पताल में एक्सरे फिल्म की उपलब्धता पर्याप्त थी। इसके बाद भी रेडियोग्राफर आशीष दीवान मरीजों को यह कहकर लौटाता था कि अस्पताल में फिल्म नहीं है। एक्सरे करने के बाद उसको उनके मोबाइल में ही रिपोर्ट दे दी जाती थी।

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मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब ज्वाइंट कलेक्टर अमृता गर्ग ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें रेडियोग्राफी चेंबर में 150 से ज्यादा रेडियो फिल्म मिली थी। इसके बाद यह खुलासा हुआ कि रेडियोग्राफर आशीष दीवान खुद मरीजों को गुमराह कर रहा है। पर्याप्त एक्सरे फिल्म होने के बाद भी मरीजों को गुमराह करने वाला रेडियोग्राफर को कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने निलंबित करते हुए ब्यौहारी के बीएमओ ऑफिस में अटैच कर दिया है।

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बता दें कि शहडोल संभाग के एक मात्र कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में उमरिया अनूपपुर, शहडोल जिले के अलावा छत्तीसगढ़ से भी लोग इलाज कराने आते हैं। लेकिन अस्पताल में अव्यवस्था के चलते लोगों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। जिससे लोग प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं।

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