सुनील जोशी, अलीराजपुर। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों में भय का माहौल है. पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं वहीं प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य अलीराजपुर जिले में नर्मदा नदी के डूब वाले कई गांवों में कोरोना का संक्रमण नहीं फैला है. इस जिले की सीमाएं मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से मिलती हैं. बीते दो साल में इन गांवों में कोरोना संक्रमण से किसी भी ग्रामीण की मौत नहीं हुई है. यह डूब प्रभावित गांव ककराना, सुगहट, झंडाना, चिलखदा आदि 26 गांव और जनसंख्या लगभग 23 हजार है.  इन गांवों के लोग मास्क का उपयोग भी नहीं कर रहे है. गांव की बसाहट ऐसी है कि सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत ही नहीं पड़ी.

ग्राम ककराना के सरपंच मिथलेश और ग्रामवासियों की माने तो इन डूब प्रभावित गांवों में घरों की बसाहट सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार होने व मां नर्मदा का आशीर्वाद से इन गांवों में कोरोना का संक्रमण किसी व्यक्ति को नहीं हुआ है ना ही किसी की मौत हुई है. इस गांव में लगभग 400 से अधिक मकान होने के साथ ही जनसंख्या लगभग 1600 हैंं. स्थानीय निवासी तेतिया भाई ने बताया कि डूब प्रभावित सुगहट गांव में 80 से 90 घर के साथ ही जनसंख्या 300 है. यहां किसी को भी कोरोना का संक्रमण नहीं हो पाया है.

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नर्मदा तट के इन डूब प्रभावित गांवों में कोरोना संक्रमण नहीं होने की मुख्य वजह है सोशल डिस्टेंसिंग. इन सभी गांवों की बसाहट सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार होने से व पहाड़ी इलाको में बसे होने से यहां कोरोना संक्रमण नहीं पहुच पाया. यह हम नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कह रहे हैं. अलीराजपुर के सीएचएमओ प्रकाश ढोके ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में डूब प्रभावित इलाको में किसी के भी कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है.

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