हर्षित तिवारी, खातेगांव (देवास)। मध्य प्रदेश के देवास जिले के खातेगांव के खींवनी गांव मे 80 आदिवासी परिवार के सैकड़ों लोग बेघर हो गए। बेघर मे महिला पुरुष मासूम बच्चे भी शामिल है। आदिवासी लोगों ने अपने ही जंगल मे भारी बारिस मे आंदोलन किया। आंदोलन से देवास जिला कलेक्टर, एसपी,सहित विधायक आशीष शर्मा पीड़ित आदिवासी परिवारों से मिलने पहुंचे।
51 परिवारों को दी आर्थिक सहायता राशि
भारी बारिश के बीच जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन भीगता रहा और आदिवासी आदोलन करते रहे। जिला प्रशासन छाता लगाकर पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और पीड़ित परिवारों से चर्चा की। कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने जिला प्रशासन की ओर से 51 परिवार को 20-20 हजार, 6 महीना का राशन, जिन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिला उनको आवास दिए जाने का आश्वासन दिया। साथ ही रहने खाने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई। चर्चा के दौरान कलेक्टर और विधायक ने कहा कि कोई भी परेशानी आए तो तुरंत हमें कॉल करे। जिला प्रशासन और विधायक ने यथा सम्भव मदद करने का भरोसा दिलाया।
विधायक ने की मकान तोड़े जाने की निंदा
विधायक आशीष शर्मा ने बताया जो मकान वहां से हटाया वह बहुत दुःखद है, बारिश के समय मे मकान तोड़ने की उन्होंने निंदा की। चर्चा के उपरांत उनके रहने खाने की व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था की गई है। उनके घर तक पहुंचने के लिए सड़क बनाई जाएगी, मध्य प्रदेश सरकार आदिवासियों के लिए सवेदनशील है। देवास कलेक्टर ने बताया कि जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है की आदिवासी लोग परेशान न हो, रहने खाने और मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी, बना हुआ भोजन उपलब्ध कराएँगे, जो मदद हो सकेगी जिला प्रशासन करेगा। बता दें कि वन विभाग के द्वारा इन आदिवासी परिवारों के घरों को तोड़कर उन्हें बेघर कर दिया गया था। जिसके बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई।
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