रेणु अग्रवाल, धार। कभी हॉस्टल में बच्चों से काम करवाया जाता है तो कभी उन्हें घटिया खाना परोसा जाता है. ऐसा ही एक मामला धार जिले में सामने आया है. जहां हॉस्टल की अव्यवस्था को लेकर स्टूडेंट्स लामबंद हो गए और तहसील कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए. इधर, समझाइश के बाद स्टूडेंट्स ने धरना खत्म किया.

दरअसल, यह पूरा मामला गंधवानी के एकलव्य बालक छात्रावास का है. सोमवार को छात्र तहसील कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए. वो इस बात पर अड़े हुए थे कि हॉस्टल अधीक्षक और स्कूल प्रिंसिपल को हटाया जाए. उनका कहना था कि हॉस्टल में गंदगी का अंबार है. भोजन भी मीनू अनुसार नहीं दिया जाता. जली हुई रोटियां दी जाती है और दाल पानी के जैसा होता है.

पानी पीने के लिए RO की व्यवस्था नहीं

छात्रों की मानें तो उन्हें नहाने के लिए गर्म पानी नहीं दिया जाता है. पानी पीने के लिए RO की व्यवस्था नहीं है. वो बाथरूम से ही बाल्टी भरकर पीने पानी में पीते हैं. अब सवाल खड़ा होता है कि अगर इस छात्रओं की तबीयत खराब होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? वैसे तो छात्रावास में बच्चों के लिए पर्याप्त राशि मुहैया कराई जाती है. इसके बावजूद बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

समझाइश के बाद धरना खत्म

इधर, धरने की जानकारी मिलते ही जिला पंचायत सदस्य कमल धारवे भी मौके पर पहुंची. वहीं तहसीलदार के समझाइश के बाद छात्रों ने धरना खत्म किया. उन्होंने एकलव्य छात्रावास का निरीक्षण भी किया और साफ-सफाई के लिए निर्देश दिए. साथ ही अन्य व्यवस्थाओं के लिए उच्च स्तर के अधिकारियों को अवगत कराने के लिए कहा.

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