राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक भूपेंद्र सिंह ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। भूपेंद्र सिंह ने एक निजी स्कूल के मुद्दे को सदन में उठाते हुए शिक्षा मंत्री उदय राव से इसे निरस्त न करने पर सवाल खड़े किए। वहीं विधायक ओमप्रकाश सखलेचा ने भी मंत्री से ऐसे स्कूलों की जानकारी मांगी है। अब भूपेंद्र सिंह और पारस सचलेखा को विधायक उषा ठाकुर का समर्थन मिला है।
उषा ठाकुर बोलीं – राज को राज रहने दो
पूर्व संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि सरकारी जमीनों पर बने मिशनरी स्कूलों की जांच की जाए। शासकीय जमीन पर बने मिशनरी स्कूलों का परीक्षण करें और दस्तावेज चेक करें। वहीं, विधानसभा में अधिकारियों के गलत जवाब देने पर उन्होंने कहा, ‘यह राज की बात है। राज को राज रहने दो।’
अधिकारी गलत जवाब देंगे तो देने नहीं देंगे: विधानसभा अध्यक्ष
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने इस मामले पर कहा कि अधिकारी गलत जवाब नहीं देंगे। गलत जवाब देंगे तो उन्हें देने नहीं दिया जाएगा। बता दें कि भूपेंद्र सिंह और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह पर गलत जवाब देने का आरोप लगाया था। इस पर अब मंत्री का बयान भी सामने आया है। उन्होंने इसे स्वस्थ लोकतंत्र बताते हुए कहा, ‘सदन में माननीय सदस्यों का सवाल जवाब करने का अधिकार है। यही स्वस्थ लोकतंत्र है। माननीय सदस्य ने व्यवस्था को लेकर जो सवाल किया था, उसका जवाब दिया गया है। पिछले 1 साल में सख्त कार्रवाई की गई है।
‘वॉक आउट क्यों कर रही कांग्रेस ये तो बताए’
कांग्रेस के वॉक आउट करने पर कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने सवाल किया कि कौन सा जिला है जहां खाद की कमी है। जिला बताते नहीं, गांव बताते नहीं हैं। जनता को गुमराह करते हैं। सच बताते नहीं हैं। कांग्रेस वॉक आउट क्यों कर रही है ये तो वही बताए।
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने शैक्षणिक संस्थान के संचालन पर उठाए थे सवाल
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर जिले के माल्थोन में अशासकीय शैक्षणिक संस्थान के संचालन में अनियमितता के संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से सवाल किया था। भूपेंद्र सिंह ने कहा था, ‘आदर्श कॉन्वेंट स्कूल की मान्यता निरस्त नहीं की। अधिकारियों ने जांच के नाम पर औपचारिकता की। क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त है।’ इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया कि क्षेत्र के लोगों में आक्रोश जैसा कुछ नहीं है। मान्यता निरस्त की गई थी। संस्था कोर्ट से स्थगित करवा लाई।
भूपेंद्र सिंह ने कहा- 1 घंटे में ठीक कर लूंगा अतिक्रमण का मामला
भूपेंद्र सिंह ने कहा था, “स्कूल शासकीय भूमि पर चल रहा है। यह राजस्व का मामला है। तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने का भी नोटिस दिया है। मामला मैं एक घण्टे में ठीक कर लूंगा। ध्यानाकर्षण का विषय नहीं था। लेकिन इसके माध्यम से प्रदेश के मामले उठाने का प्रयास है। एमपी में कई स्कूल नियम विरुद्ध चल रहे हैं। कुछ निजी स्कूल शासकीय जमीन पर हैं। कुछ स्कूल में खेल के मैदान नहीं। कुछ में यौन शोषण हुआ। फर्जी शैक्षणिक संस्थाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार नीति लाए।”
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‘मंत्री से आग्रह- अधिकारियों के जवाब से मैं झूठा हो गया’
उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी लिखकर दें कि जनता में रोष व्याप्त नहीं है। लेकिन मंत्री को यह उत्तर विधानसभा में नहीं पढ़ना चाहिए। मंत्रीजी से आग्रह है कि अधिकारियों का ऐसा जवाब न पढ़ें, मैं क्षेत्र का विधायक हूं। मैंने कहा है जनता में रोष व्याप्त है। अधिकारियों के जवाब से मैं झूठा हो गया हूं। इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के बाद ही अनुमति की व्यवस्था है। खेल के मैदान अन्य नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। शिक्षण व्यवस्था बेहतरी के लिए लगातार प्रयास है।
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