कुमार इन्दर, जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में पूछताछ के लिए गुजरात पुलिस जबलपुल के ओमती थाना पहुंची है. यहां दोनों प्रदेशों की पुलिस मिलकर जांच कर रही है. साथ ही आरोपी सरबजीत सिंह मोखा और सहयोगी देवेश से पुलिस पूछताछ करेगी है. वहीं सूत्रों के मुताबिक पुलिस के साथ आरोपी सपन जैन भी मौजूद है. पूछताछ के बाद इस मामले में और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.
नकली इंजेक्शन मामले में पूछताछ के बाद जबलपुर पुलिस ने मोखा को बुधवार की सुबह ही जेल भेज दिया. उधर मामले की छानबीन के लिए और मोखा से पूछताछ के लिए गुजरात पुलिस भी सुबह शहर पहुंच गई है. फिलहाल जानकारी के मुताबिक गुजरात पुलिस ने अभी मोखा से कोई पूछताछ नहीं की है. गुजरात पुलिस यहां पर पूरे मामले की कड़ी दर कड़ी जोड़ेगी साथ ही जबलपुर पुलिस भी इस मामले में गुजरात पुलिस से जानकारी लेगी.
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मोखा भेजा गया है जेल
वहीं इस मामले का आरोपी एवं सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत सिंह मोखा को जबलपुर पुलिस ने बुधवार को सुबह 10 बजे जेल भेज दिया. उसे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद फरोख्त में ओमती पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वहीं मंगलवार की रात कलेक्टर न्यायालय से मोखा के खिलाफ एनएसए वारंट जारी किया गया था, जिसके बाद उसका जेल जाना तय माना जा रहा था. आरोपी पर एनएसए के तहत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा है.
दरअसल, सरबजीत सिंह मोखा के तार गुजरात के मोरबी में बनी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से जुड़े हैं. जबलपुर से गिरफ्तार दवा व्यवसायी ने सरबजीत सिंह मोखा का नाम लिया था. गुजरात से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मध्य प्रदेश में सप्लाई होने का कनेक्शन 7 मई को सामने आया था. जब गुजरात पुलिस सपन जैन नाम के दवा व्यापारी को यहां के आधारताल इलाके से पकड़कर रातों-रात गुजरात ले गई थी. अपने बयान में सपन ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा का नाम लिया था, जो नकली इंजेक्शन बुलवाकर अपने ही अस्पताल में भर्ती मरीजों को लगवाता था.
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आपको बता दें गुजरात के एक गांव में नकली रेमडेसिविर बनाए जाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था. इस फैक्ट्री में ग्लूकोज और नमक से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाए जा रहे थे, जिसकी सप्लाई मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में की गई थी. गुजरात पुलिस इससे पहले इंदौर से सुनील मिश्रा और जबलपुर से संदीप जैन को गिरफ्तार कर चुकी है.
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