कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर में एक महिला सफाई कर्मी सैलरी नहीं मिलने से परेशान है। उसका आरोप है कि उसे 6 माह से वेतन नहीं मिला है। जिससे उसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। घर में खाने के लाले पड़ गए हैं। इतना ही नहीं भूख-प्यास में उसके बेटे की भी मौत हो गई।
दरअसल, प्रदेशभर के साथ ही ग्वालियर में भी आज मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। बाल भवन स्थित सभागार में जिस वक्त स्थापना दिवस समारोह चल रहा था उस वक्त शहर के लक्ष्मण भैया की रहने वाली निर्जला धौलपुरिया नाम की महिला न्याय की गुहार के लिए दरवाजे पर खड़ी हो गई। महिला का कहना है कि वह निगम में सफाई कर्मी का काम बीते 6 महीने से कर रही है। इस दौरान उसे सैलरी नहीं दी गई, जिसके चलते उसके घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई।
भूख-प्यास से बेटे की हो गई मौत
महिला का आरोप है कि उसे 6 महीने से वेतन नहीं मिला है, जिससे घर में खाने के लाले पड़ गए। रिश्तेदारों से उधारी मांग-मांग कर परिवार चला रही है। भूख-प्यास के चलते 7 साल के बेटे की मौत भी हो गई। कई बार निगम के अधिकारियों से गुहार लगाई, ताकि उसकी सैलरी उसे मिल सके, लेकिन किसी ने उसकी आवाज नही सुनी।
मंत्री ने कमिश्नर को दिए निर्देश
वहीं न्याय के लिए दरवाजे पर खड़ी महिला की जानकारी जब प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को लगी तो उन्होंने तत्काल निगम कमिश्नर किशोर कन्याल को उसके पास भेजा, जहां निगम कमिश्नर ने उसकी आपबीती को सुना और जल्द ही समस्या का निदान करने की बात कही।
काम करने के बावजूद सैलरी नहीं दी गई
वहीं निर्जला धौलपुरिया का कहना है कि काम करने के बावजूद उसको सैलरी नहीं दी गई। जिसके चलते उसने अपना एक बेटा खो दिया, जबकि आज भी उसके कंधों पर छोटे बेटे के साथ छोटी बहन की जिम्मेदारी है। ऐसे में उसे उम्मीद है कि शायद अब उसकी समस्या का निराकरण हो सकेगा। गौरतलब है कि बाल भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट के साथ पूर्व मंत्री इमरती देवी और जिले भर के अधिकारी मौजूद रहे।
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