कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। नेपाल से भारत में रोजगार के लिए आए दो नेपाली हादसे और बदहाली का शिकार होकर ग्वालियर के स्वर्गसदन आश्रम पहुंच गए। आश्रम के युवाओं की टीम ने सेवाभाव से इन दोनों नेपालियों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ किया और उनके घर भेजने की कवायद शुरू की। दिल्ली दूतावास ने इन दोनों को नेपाल वापस भेजने के लिए हरी झंडी दे दी है, लेकिन नेपाल प्रशासन की तरफ से इन दोनों की वापसी की पहल शुरू न होने के चलते यह दोनों ग्वालियर में ही रहने को मजबूर है।

 गोपाल डोंगरे ढाई साल पहले  रोजगार के लिए नेपाल से भारत आए थे

नेपाल के रहने वाले गोपाल डोंगरे करीब ढाई साल पहले  रोजगार के लिए नेपाल से भारत आए थे। भारत सीमा में आने के बाद वह आगरा के लिए रवाना हुए। लेकिन ट्रेन में रास्ते पर किसी ने उनपर हमला कर दिया, इस हादसे का शिकार हुए तो याददाश्त चली गई और वो RPF को बामोर के नजदीक रेलवे ट्रैक के पास घायल हालात में पड़े मिले। आरपीएफ ने इन्हें ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया ,लेकिन तब तक गोपाल की याददाश्त जा चुकी थी। लिहाजा अस्पताल से ठीक होने के बाद इनको स्वर्ग सदन आश्रम पहुंचा दिया गया। थोड़े दिन बाद गोपाल की याददाश्त लौटी तो फिर उसने खुद के बारे में आश्रम को बताया। गोपाल अब अपने देश नेपाल लौटने का इंतजार कर रहा है।

चक्र बहादुर भी नौकरी करने भारत आया था

नेपाल का ही रहने वाला चक्र बहादुर भी नौकरी करने भारत आया था। किसी ने उसे धोखाधड़ी कर ग्वालियर के पास छोड़ दिया। भाषाई जानकारी न होने और भूखा प्यासा भटकने के चलते उसका मानसिक संतुलन  गड़बड़ा गया। तीन महीने पहले बेरजा गांव के पास भटकते देखा तो पुलिस ने उसे बरामद कर स्वर्ग सदन आश्रम पहुंचा दिया। स्वर्ग सदन आश्रम में युवाओं की टीम ने सेवा की तो ठीक हो गया, चक्र बहादुर को सब कुछ याद आ गया और उसने अपने घर नेपाल का पता बताया। अब चक्रबहादुर भी अपने घर नेपाल जाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

दोनों को अब घर वापसी का इंतजार 

स्वर्ग सदन आश्रम के संचालक विकास गोस्वामी ने बताया कि गोपाल डोंगरे के परिवार से बात हो चुकी है, भारत सरकार ने NGO के जरिए गोपाल को नेपाल पहुंचाने को हरीझंडी दे दी है। लेकिन अभी नेपाल प्रशासन की तरफ से वापसी की प्रक्रिया में देरी हो रही है। उधर युवक चक्र बहादुर ने भी अपने परिवार का पता बताया है जिसके आधार पर उसके परिवार की खोज भी नेपाल में की जा रही है। नेपाल सरकार की तरफ से बुलावा आते ही दोनों को उनके घर नेपाल भेजा जाएगा।

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