कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सिविल रिवीजन वापस लेने पर सख्ती दिखाई है। गंगा दास की शाला सहित अन्य याचिकाकर्ताओं पर ₹25000 का जुर्माना भी लगाया है।
एक महीने के भीतर राशि जमा करनी होगी
दरअसल 14 साल बाद गंगा दास की शाला ने सिविल रिवीजन वापस लेने की बात कोर्ट में रखी थी। हाईकोर्ट ने अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कॉस्ट लगाई है। डेढ़ सौ करोड़ कीमत वाली शासन (माफी) की जमीन की सुनवाई से स्टे भी हट गया है। गंगा दास की शाला और अन्य याचिकाकर्ताओं को एक महीने के भीतर राशि जमा करनी होगी। राशि जमा नहीं करने पर वसूली की कार्रवाई के साथ ही अवमानना का प्रकरण भी दर्ज किया जाएगा।
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यह था मामला
साल 2010 में मध्यप्रदेश शासन ने वाद पेश किया था। वाद के जरिये शासन की जमीन के बेचने पर रोक लगाने, पूर्व में संपादित हुए विक्रय पत्र शून्य घोषित करने सहित अन्य मांग की गई थी। शासन के खिलाफ ट्रस्ट मंदिर राम जानकी गंगादास की बड़ी शाला ने आवेदन दिया था। सिविल न्यायालय ने 25 अप्रैल 2011 को इसे खारिज कर दिया था। आदेश के खिलाफ ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में सिविल रिवीजन पेश की थी। 7 मई 2011 को हाईकोर्ट ने सिविल न्यायालय में चल रहे वाद की सुनवाई पर रोक लगाई थी।

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